कैसी रहीं पिछले 10 साल की हलवा सेरेमनी? तस्वीरों में देखिये
भारत में केंद्रीय बजट पेश करने से पहले एक खास परंपरा होती है, जिसे 'हलवा सेरेमनी' कहा जाता है. यह परंपरा वित्त मंत्रालय के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है.
हलवा सेरेमनी का आयोजन हर साल बजट से पहले मनाया जाता है. यह परंपरा भारतीय प्रशासन में गोपनीयता और अनुशासन का प्रतीक मानी जाती है.
हलवा सेरेमनी की शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी. यह उस समय शुरू हुई थी, जब भारत का पहला बजट पेश किया गया था.
जब 1951 में बजट पेश हुआ तो इसे तैयार करने वाले लोगों को मंत्रालय में ही अंदर रहकर बजट तैयार करने को कहा गया. इसके पहले हलवा बनाने की एक सेरेमनी हुई.
समारोह में पारंपरिक हलवा तैयार किया जाता है, जिसे वित्त मंत्रालय के अधिकारियों को वितरित किया जाता है. हलवा सेरेमनी का मुख्य उद्देश्य बजट प्रक्रिया की गोपनीयता को सुनिश्चित करना है.
इस कार्यक्रम के दौरान बजट की छपाई की प्रक्रिया शुरू होती है, और इसके बाद सभी कर्मचारी नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में काम करते हैं. इस आयोजन से यह संदेश दिया जाता है कि बजट की तैयारियां अपने अंतिम चरण में हैं.
हलवा सेरेमनी में हलवे को बड़े कढ़ाई में पकाया जाता है और इसे वित्त मंत्री द्वारा अधिकारियों को परोसा जाता है. यह आयोजन टीम की भावना और सामूहिक प्रयास का प्रतीक है.
2022 में कोरोना महामारी के चलते हलवा सेरेमनी में बदलाव किया गया था, और उस साल मिठाई बांटी गई थी. इस परंपरा का आयोजन वित्त मंत्रालय के नॉर्थ ब्लॉक में होता है.
हलवा सेरेमनी का नाम भारतीय व्यंजन हलवा पर आधारित है. इस आयोजन से वित्त मंत्रालय के अधिकारियों को एक सकारात्मक संदेश मिलता है और यह बजट प्रक्रिया के अंतिम चरण को दर्शाता है.