127 सालों के बाद गोदरेज परिवार में हुआ बंटवारा, जानें किसे क्या मिलेगा?
साबुन और घरेलू उपकरणों से लेकर रियल एस्टेट के क्षेत्र में बुलंदियां छूने वाले गोदरेज समूह के संस्थापक परिवार के बीच बंटवारा हो रहा है
127 साल पुराने गोदरेज समूह के संस्थापक परिवार ने समूह को विभाजित करने के लिए समझौता किया है, आगे जानिए किसे क्या मिलेगा —
बंटवारे से आदि गोदरेज और उनके भाई नादिर गोदरेज को गोदरेज ग्रुप की 5 लिस्टेड कंपनियों - गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, गोदरेज प्रॉपर्टीज, गोदरेज इंडस्ट्रीज, गोदरेज एग्रोवेट और एस्टेक लाइफसाइंसेज की ऑनरशिप मिली है
चचेरे भाई जमशेद और बहन स्मिता को अनलिस्टेड कंपनियों (गोदरेज एंड बॉयस) के साथ-साथ मुंबई में प्रमुख संपत्ति सहित लैंड बैंक का स्वामित्व मिला है
आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि गोदरेज परिवार में बंटवारे के बाद अब नई जेनरेशन के हाथों में अहम जिम्मेदारियां होंगी
गोदरेज एंड बॉयस के तहत काम करने वाली इंजीनियरिंग, होम अप्लायंसेस, फर्नीचर, सिक्योरिअी प्रोडक्ट्स, सिस्टम्स फॉर एयरोस्पेस, इंडस्ट्रियल लॉजिस्टिक्स और इंफ्रास्ट्रक्चरल डेवलपमेंट की जिम्मेदारी जमशेद गोदरेज और उनकी बहन के हाथों में होगी
बता दें कि गोदरेज ग्रुप की शुरूआत साल 1897 में वकील से उद्यमी बने अर्देशिर गोदरेज ने की थी
अर्देशिर गोदरेज अपने भाई से साथ मिलकर हाथों से ताले-चाबी, मेडिकल डिवाइस बनाते थे
साल 1911 में किंग जॉर्ज पंचम ने अपने कीमती सामानों को रखने के लिए गोदरेज को मजबूत तिजोरियां बनाने का आर्डर दिया था, जिसके बाद गोदरेज की कंपनी कई सेक्टरों में फैल गई.
अर्देशिर गोदरेज के खुद कोई संतान नहीं थी, इसलिए उनके छोटे भाई पिरोजशा को गोदरेज ग्रुप विरासत में मिला. पिरोजशा के 4 बच्चे थे. अब इस परिवार की चौथी जेनरेशन आ चुकी है.