आखिर क्या होता है Postal Ballot और इसे लेकर क्यों हो रहा विवाद?
लोकसभा चुनाव की मतगणना से पहले विपक्षी पार्टियों ने चुनाव आयोग से कई मांगें की हैं.
इसमें एक मांग है कि 4 जून को EVM के वोटों की गिनती से पहले पोस्टल बैलेट की गिनती की जाए.
पार्टियों ने इस संबंध में चुनाव आयोग को पत्र भी लिखा है, जिसमें कई मुद्दों पर चिंता जाहिर की गई है.
ऐसे में आइए जानते हैं कि पोस्टल बैलेट क्या होते हैं और इन्हें लेकर क्या विवाद है.
पोस्टल बैलेट को डाक मतपत्र भी कहा जाता है. आसान भाषा में आप इसे डाक के जरिए मतदान कह सकते हैं.
ये मतदान का एक ऐसा तरीका है, जिसमें सरकार कर्माचारी, विकलांग और बुजुर्ग मतदान केंद्र पर जाने के बजाय डाक के जरिए वोट डालते हैं.
हालांकि, हर कोई इस सेवा का उपयोग नहीं कर सकता, केवल चुनिंदा लोग ही इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.
दरअसल, 2019 के लोकसभा चुनावों तक पोस्टल बैलेट की गिनती पहले की जाती थी और उसके 30 मिनट बाद EVM की गिनती शुरू होती थी.
नियम ये भी था कि EVM के वोटों की गिनती से पहले पोस्टल बैलेट की गिनती पूरी करनी होती थी.
हालांकि, चुनाव आयोग ने बाद में नियम बदल दिया. अब EVM के वोटों की गिनती पोस्टल बैलेट की गिनती पूरी होने के पहले भी शुरू हो सकती है.
विपक्षी पार्टियां आयोग के बार-बार बदलते नियमों की वजह से चिंतित है.