2024 के लोकसभा चुनावों में BJP सबसे बड़ी पार्टी बनकर जरूर उभरी है, लेकिन वह साल 2019 के अपने प्रदर्शन को दोहराने में नाकाम साबित हुई है.
उत्तर प्रदेश में भी पार्टी को वो सफलता नहीं मिल पाई, जिसकी उम्मीद की जा रही थी. यहां सपा (SP) 37 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी तो भाजपा 33 सीटों पर सिमट गई.
भाजपा के इस प्रदर्शन में सबसे अधिक चर्चा फैजाबाद लोकसभा सीट की हो रही है, जहां पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा.
इस लोकसभा क्षेत्र के तहत अयोध्या शहर भी आता है, जहां बीते जनवरी महीने में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहुप्रतीक्षित राम मंदिर का शुभारंभ किया था.
फैजाबाद में सपा के नेता वरिष्ठ विधायक अवधेश प्रसाद ने भाजपा के दो बार के सांसद लल्लू सिंह को 54,567 मतों से हराया है. 79 वर्षीय प्रसाद 9 बार विधायक रह चुके हैं और अब पहली बार सांसद बने हैं.
पासी समुदाय से आने वाले अवधेश प्रसाद सपा के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं और 1974 से लगातार पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव के साथ थे.
21 साल की उम्र में ही सक्रिय राजनीति में प्रवेश करने वाले अवधेश प्रसाद ने लखनऊ विश्वविद्यालय एलएलबी किया और कानपुर के डीएवी कॉलेज से एमए की डिग्री ली थी.
आपातकाल के समय जेल में होने के कारण वे अपनी मां के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाए थे. आपातकाल के बाद उन्होंने पूर्णकालिक राजनीतिज्ञ बनने के लिए वकालत छोड़ दी.
1981 में मां की तरह ही वह पिता के भी अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सके थे, क्योंकि लोकसभा उपचुनाव के लिए अमेठी में वोटों की गिनती कर रहे थे.
वह 1977, 1985, 1989, 1993, 1996, 2002 और 2007 में तत्कालीन सोहावल से और 2012 और 2022 में मिल्कीपुर से 9 बार विधायक विधायक चुने जा चुके हैं. वह यूपी सरकार में छह बार मंत्री रह चुके हैं.