जब किराया न चुका पाने के कारण मकान मालिक ने पूर्व प्रधानमंत्री का सामान फिंकवा दिया था

गुलजारी लाल नंदा देश के पहले कार्यवाहक प्रधानमंत्री थे. इतना ही नहीं वह देश के सबसे कम समय तक प्रधानमंत्री रहने वाले व्यक्ति भी रहे हैं.

वह दो बार प्रधानमंत्री बने, लेकिन उनका दोनों कार्यकाल मात्र 13 दिन का रहा. 27 मई 1964 को पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद उन्होंने पहली बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी.

हालांकि उन्हें सिर्फ 13 दिन यानी 9 जून 1964 तक ही यह पद संभालने का सौभाग्य मिला, क्योंकि इसी दिन लाल बहादुर शास्त्री ने प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभाल लिया था.

फिर लगभग डेढ़ साल बाद 11 जनवरी 1966 को ताशकंद में शास्त्री का अचानक निधन हो गया तो नंदा को दोबारा प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई गई.

प्रधानमंत्री के तौर पर उनका दूसरा कार्यकाल भी सिर्फ 13 दिन का ही रहा. 24 जनवरी 1966 को इंदिरा गांधी को नया प्रधानमंत्री चुना गया. दोनों बार कांग्रेस संसदीय दल नया नेता चुने जाने के कारण नंदा का कार्यकाल समाप्त हुआ था.

बताया जाता है कि गुलजारी लाल नंदा जीवन भर किराये के मकान में रहे थे. गांधी के अनन्य समर्थकों में शुमार नंदा आजादी की लड़ाई में भी शामिल हुए थे.

एक बार वह किसी वजह से किराया नहीं दे पाए थे तो मकान मालिक ने उनका सामान घर के बाहर फिंकवा दिया था. उस समय वह प्रधानमंत्री नहीं थे और उनकी उम्र 94 साल थी.

जब यह घटना हुई, तब एक पत्रकार वहां से गुजर रहे थे, जिन्होंने इस मामले को अपने अखबार में जगह दी. यह खबर आने के बाद वहां सरकारी अमला पहुंचा और तब मकान मालिक को एहसास हुआ कि उसने बड़ी भूल कर दी है.

उन्हें 1997 में भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया था. 15 जनवरी 1998 को उनका निधन हो गया था.