ऐसे में अब सवाल ये उठता है कि एक ईवीएम में पड़े वोटों को गिनने में कितना समय लगता है? तो बता दें कि ये समय ईवीएम में पड़े वोटों के आधार पर तय होता है.
ईवीएम से वोट की काउंटिंग में ज्यादा से ज्यादा आधा घंटे का समय लगता है, ऐसे में जब 14 ईवीएम मशीनों की काउंटिंग हो जाती है तो एक राउंड पूरा माना जाता है
मतगणना के दौरान जब 14 ईवीएम में डाले गए मतों की गिनती पूरी हो जाती है तो एक राउंड या एक चक्र की गिनती को पूरा मान लिए जाता है.
ऐसे में मतगणना के दिन हर चक्र का नतीजा साथ ही साथ घोषित किया जाता रहता है. इसके बाद आरओ की ओर से विजेता प्रत्याशी को जीत का सर्टिफिकेट दिया जाता है.
जब गणना पूरी हो जाती है तो रिटर्निंग ऑफिसर या आरओ ही लोक प्रतिनिधित्वण अधिनियम-1951 की धारा 66 के उपबन्धों के मुताबिक, नतीजे की घोषणा करते हैं.
ऐसे शुरू होती है गिनती मतगणना तय समय पर शुरू होती है तो सबसे पहले इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट और पोस्टल बैलेट की गिनती सीधे आरओ की निगरानी में शुरू कर दी जाती है.
व्यवस्था के मुताबिक, इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट व पोस्टल बैलेट की गिनती शुरू होने के आधे घंटे बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में डाले गए वोटों की गिनती शुरू हो सकती है.
हालांकि इसके लिए जरूरी नहीं है कि पोस्टल बैलेट की गिनती पूरी हो गई हो, मतगणना के लिए EVM की केवल कंट्रोल यूनिट का इस्तेमाल किया जाता है.
इस प्रक्रिया में बैलेट यूनिट का कोई रोल नहीं होता, यही वजह है कि उनको टेबल पर नहीं रखा जाता.