टीवी  का मोस्ट फेमस  सिंगिंग रियलिटी शो 'इंडियन आइडल' (Indian Idol) दर्शकों के बीच काफी फेमस रहा है. साल 2004 में इसकी शुरुआत हुई थी. इस शो के अब तक 14 सीजन हो चुके हैं. 

लेकिन इंडियन आइडल' को लेकर हमेशा ही सवाल उठते रहे हैं. सोशल मीडिया पर इस शो के कंटेस्टेंट के लाइफ और स्ट्रगल से जुड़ी कहानियों को भी अक्सर फेक बताया जाता है. 

साथ थी इस शो का विनर पहले से ही तय होने जैसे बातें भी निकल कर सामने आती रहती हैं. एक बार फिर इंडियन आइडल' 14 की फाइनलिस्ट ने इस शो से जुड़ी कुछ सच्चाई लोगों के सामने रखी हैं. 

हाल ही में इंडियन आइडल 14 की फाइनलिस्ट रहीं आद्या मिश्रा ने यूट्यूब चैनल अप्रीसर्स (Apprisers) पर इंटरव्यू के दौरान शो को लेकर बहुत-सी बात करती नजर आई. 

जब उनसे पूछा गया कि क्या TRP बढ़ाने के लिए शो में फर्जी कहानियां सुनाई जाती हैं? जवाब में उन्होंने कहा कि 'जो कंटेस्टेंट्स अच्छा गाते हैं, मेकर्स चाहते हैं कि उनकी कहानी सामने आए.'

'क्योंकि उन्हें भी शो में दिखाने के लिए कुछ ना कुछ चाहिए होता है. अब आप अच्छा नहीं गाओगे, तो कोई क्यों आपकी कहानी दिखाएगा.'

इसके बाद आद्या से पूछा गया कि क्या शो का विनर फिक्स होता है? उन्होंने कहा कि 'मैं हर एपिसोड में बॉटम में आती थी. लेकिन वोटिंग के जरिए बच जाती थी.' 

आद्या मिश्रा ने कहा कि, 'कभी-कभी लगता कि अच्छा गाते हुए भी मैं कैसे बॉटम में आ रही हूं. वोटिंग भी खूब आ रही थी. पता नहीं क्योंं विनर नहीं पाई. पर हां मुझे लगता है कि मेरे वोट ढंग से काउंट नहीं हुए.'

'मेरा दिल भी टूटा, लेकिन क्या कर सकते हैं.' आद्या से पूछा गया कि आखिर क्या वजह है कि इंडियन आइडल विनर को कुछ वक्त के लिए फेम मिलता है, फिर वो गायब हो जाते हैं?

आद्या ने बताया कि 'सिंगिंग की दुनिया में जमे रहने किए आपको रियाज करना होता है. इंडियन आइडल का विनर बनने से कुछ नहीं होता. सिंगर बनने के लिए मेहनत तो करनी पड़ेगी.'

आद्या ने यह भी बताया कि इंडियन में जैसी चीजें दिखती हैं, सच्चाई कुछ और होती है. वह इंडियन आइडल के अपने सीजन में शीर्ष 6 में पहुंचने में सफल रही। इस सीजन के विजेता कानपुर के वैभव गुप्ता थे.