उन्होंने पांच रुपैया बारह आना रुपये गाने की धुन बनाई तो थी लेकिन कैसे? इसके पीछे बड़ी ही मजेदार कहानी है. जो उनके कॉलेज के दिनों से जुड़ी है.
किशोर कुमार इंदौर के क्रिश्चियन कॉलेज में पढ़ा करते थे, तब 10-20 पैसे की भी उधारी बहुत बड़ी रकम मानी जाती थी. किशोर कुमार पर भी ऐसे ही उधार हो गया था.
किशोर कुमार इंदौर के क्रिश्चियन कॉलेज में पढ़ा करते थे. कमरा नं 4, कॉलेज कैंपस में इमली का पेड़, काका की कैंटीन और हॉस्टल की गैलरी में पड़ी बेंच किशोर कुमार की यादों को आज भी संजोए हैं.
उस दौर में वो यहां से चाय, पोहा, जलेबी उधार खाया करते थे. इसी उधारी के चक्कर में किशोर दा पर कैंटीन के काका का 5 रुपया 12 आना का उधार हो गया.
किशोर कुमार को कैंटीन वाले ने जब ये उधार चुकाने के लिए कहा तो उन्होंने इस बात को अनसुना करते हुए 'पांच रुपैया बारह आना' कई बार अलग अलग धुन में गाया,
इसके बाद इस धुन को उन्होंने बेकार नहीं जाने दिया यहीं गाना आगे चलकर फिल्म में लिया गया जिसमें किशोर गाते हैं मारेगा भईया ना..ना...ना.. किशोर ने ये उधार कभी नहीं चुकाया.
कहते हैं किशोर कुमार के कई गाने क्रिश्चियन कॉलेज में इजाद हुए थे. वो अक्सर यहां इमली के पेड़ के नीचे ही रियाज किया करते थे.