वो हीरो जिसकी मौत पर 30 लोगों ने की थी आत्महत्या, 21 घंटे खड़ी रही थीं जयललिता
जब साउथ के हीरो से नेता बने एम.जी. रामचंद्रन ने 24 दिसंबर 1987 को अंतिम सांस ली तो वो समय तमिलनाडु में विस्फोट जैसा था.
आज यानी 17 जनवरी को रामचंद्रन की बर्थ एनिवर्सरी है. इस मौके पर हम आपको उस वक्त की दास्तान बताएंगे जब उनकी मौत पर पूरे देश में हाहाकार मच गया था.
इतनी ही नहीं एम.जी. रामचंद्रन की मौत से न जाने कितने लोगों ने अपनी जान दे दी.
बड़े पैमाने पर कार्डियक अरेस्ट के कारण एमजीआर का निधन हो गया वे कई बीमारियों से पीड़ित थे और 70 साल की उम्र में जब उनका निधन हुआ उस समय तमिलनाडु सचमुच दहल गया था.
एमजीआर की मौत की खबर फैलते ही कई लोगों ने आत्महत्या कर लिया कुछ ने अपनी नसें काट लीं तो कुछ ने जहर पी लिया और अंत में एमजीआर के निधन की खबर आने के दो दिन बाद 30 लोगों ने आत्महत्या कर ली.
लोगों को उनके घर के सामने रोने और चिल्लाने के रिकॉर्ड है कि अगर एमजीआर जीवित नहीं थे तो वे क्यों जी रहे थे.
कई ने अपनी उंगलियां काट लीं, कुछ ने अपनी जीभ काट ली. यह एक सार्वजविक उन्माद था. आत्महत्याओं के अलावा एमजीआर की मौत के बाद के दिनों में 29 लोगों की मौत पुलिस फायरिंग में हुई थी.
एमजीआर की दीवानगी इस कदर थी कि तीन शादियां कर चुके एमजीआर को जयललिता भी दिल दे बैठी थीं. वहीं एमजीआर भी काम करते हुए जयललिता पर फिदा हो गए थे.
एक बार दोनों थार रेगिस्तान में शूटिंग के लिए गए तो वहां रेत इतनी गर्म थी कि जयललिता उसपर चल नहीं पा रही थी.
अब ये बात एमजीआर से देखी नहीं गई और उन्होंने झट से जयललिता को अपनी गोद में उठा लिया था. जयललिता ने खुद कुमुदन पत्रिका में इस बात का जिक्र किया था.
तमिलनाडु की पूर्व सीएम जयललिता की जीवनी लिखने वाली वसंती के मुताबिक, जब एमजीआर की मौत हुई थी तो जयललिता उनके शव के पास 21 घंटों तक खड़ी थीं.