भारत का एक ऐसा गांव, जो हर घर और शहर के लिए बना विकास की मिसाल!

भारत में जल संकट बड़ा मुद्दा है – लेकिन राजस्थान के जयपुर ज़िले का एक छोटा सा गांव, लापोरिया,  जल संरक्षण और समुदाय कि शक्ति का सर्व श्रेष्ठ उदाहरण बना.

गांव के लोगों ने ‘चौका सिस्टम’ नाम की एक पारंपरिक तकनीक को पुर्नजीवित करा.

ये छोटे-छोटे चौकोर गड्ढे होते हैं जो बारिश के पानी को धीरे-धीरे ज़मीन में समा देती है.

यह  'water harvesting’ की बहुत ही सरल और सफल तकनीक है

इस सिस्टम ने गाँव को सूखा-ग्रस्त क्षेत्र से बदलकर हराभरा और आत्मनिर्भर बना दिया.

ना हैंडपंप सूखते हैं, ना खेत. यह गांव के किसान रसायनों से दूर रहते हैं और परंपरागत खेती करते हैं.

आपको बता दें यहां आज भी गाय के गोबर से खाद और बीज का संरक्षण किया जाता है.

लक्ष्मण सिंह , 18 वर्ष के गांव के एक युवक ने अपने गांव कि दशा और दिशा में सुधार के लिए 1980 के दशक में यह आंदोलन पूरे गांव के साथ एक जुट होकर शुरू किया.

गांव ने 'ग्राम विकास नवयुवक मंडल, लापोरिया (GVNML)' नामक  संस्था की स्थापना की और लक्ष्मण सिंह को उनके योगदान के लिए पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया.

लापोरिया गाँव यह प्रमाणित करता है कि पारंपरिक तकनीक, प्राकृतिक विद्या और गाँव की सामूहिक एकता में और आज भी जल संकट का हल है.