भारत के पूर्व पीएम और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की आज जयंती है.
वाजपेयी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में अपना राजनैतिक जीवन शुरू किया था.
वे तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने और इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान से रिश्ते सुधारने पर भी जोर दिया.
अटल बिहारी बीजेपी ही नहीं विपक्ष के नेताओं के बीच भी लोकप्रिय थे.
उन्हें भारतीय राजनीति के अजातशत्रु के रूप में भी जाना जाता है.
चाहें वह पक्ष के हों या विपक्ष के। वह अपने विपक्षियों से भी गर्मजोशी से मिलते थे।
वाजपेयी लालकृष्ण आडवाणी के ज्यादा करीब थे और उनके नेतृत्व में बीजेपी ऊंचाई तक पहुंची.
अटल गठबंधन के दलों के साथ-साथ विपक्षी दलों के नेताओं से भी मिलते रहते थे.
अटल बिहारी वाजपेयी की पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी गजब की लोकप्रियता थी.
नवाज शरीफ उनके भाषण से इसकदर प्रभावित हुए थे कि उन्होंने कहा, “वाजपेयी साहब अगर पाकिस्तान में चुनाव लड़ें तो यहां भी जीत सकते हैं.”