सेल फोन ब्लाइंडनेस (Cell phone blindness) की समस्या आम तौर पर उन व्यक्तियों को प्रभावित करती है जो रात में बिस्तर पर अपने स्मार्टफोन का उपयोग एक आंख को ढककर करते हैं. 

इसके चलते आंखों में सूखापन, लालिमा, खुजली और आंसू आना जैसी समस्याएं हो सकती हैं. रिसर्च के मुताबिक भारत में लोग औसतन 1800 घंटे अपने मोबाइल फोन पर खर्च करते हैं.

जानें इसके लक्षण ब्लर विजन: बहुत देर तक नीली स्क्रीन पर देखने से आपको अक्सर ऐसा महसूस हो सकता है कि कोई चीज़ आपकी विजन को रोक रही है. आपकी विजन धुंधली हो जाना जैसे कोई कण आंख में फंस गया हो.

आई स्ट्रेन: यह एक आम बीमारी है. ये तब होती है जब आपकी आंखें लंबे समय तक ड्राइविंग या कंप्यूटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की स्क्रीन पर देर तक देखने से थक जाती हैं. इससे आपकी आंखों से पानी आना शुरू हो सकता है.

ड्राई आंखें: यदि आप वॉलेट प्लेटफ़ॉर्म’ यानी डिजिटल स्क्रीन देख रहे हैं, तो आपकी पलकें कम बार झपकती हैं, जिसके परिणामस्वरूप, आंखें उन नैचुरल फ्लूड से वंचित हो जाती हैं जिनकी उन्हें आवश्यकता होती है. 

अंधेरे में फोन का उपयोग करने से बचें स्क्रीन और आसपास के अंधेरे के बीच तेज कंट्रास्ट को रोकने के लिए स्मार्टफोन का उपयोग अच्छी रोशनी वाले वातावरण में करें.

नाइट मोड का उपयोग करें नीली रोशनी की मात्रा को कम करने के लिए अपने स्मार्टफोन पर नाइट मोड या ब्लू लाइट फिल्टर एक्टिव करें.

बार-बार ब्रेक लें 20-20-20 नियम का पालन करें, हर 20 मिनट में, आंखों पर पड़ने वाले तनाव को कम करने के लिए 20 फीट दूर किसी चीज को कम से कम 20 सेकंड तक देखें.

ब्राइटनेस स्क्रीन की ब्राइटनेस को सही रखें ताकि इससे आपकी आंखों में जलन न हो. वॉलेट प्लेटफ़ॉर्म पर एंटी-ग्लेयर स्क्रीन फिट करें’. यह आपकी आंखों पर इतना ज्यादा दबाव नहीं डालेगी. आप ब्लू लाइट फिल्टर का भी उपयोग कर सकते हैं.

एर्गोनोमिक सेटिंग अपने कंप्यूटर या मोबाइल को एक हाथ की दूरी पर रखें. इसे आंखों के साथ-साथ अपनी गर्दन और सिर से भी दूर रखना चाहिए.

दोनों आंखों का इस्तेमाल करें सुनिश्चित करें कि दोनों आँखें स्क्रीन की रोशनी के बराबर संपर्क में हों. फ़ोन का इस्तेमाल करते समय करवट लेकर लेटने से बचें, क्योंकि ऐसा करने से एक आंख ढक सकती है.

स्क्रीन के सामने बिताए गए समय को सीमित करें स्क्रीन के सामने बिताए गए समय को कम करें, विशेष रूप से सोने से पहले, ताकि आपकी आंखों को आराम मिले और आपकी नींद के पैटर्न में रुकावट न आए.