क्या आप जानते हैं कि धूम्रपान नहीं करने वालों में भी बढ़ रहा है फेफड़ों का कैंसर, जानिए एक्सपर्ट से इसकी वजह
कैंसर की बीमारी दुनियाभर में बड़ी तेजी से फैल रही है. इससे हर साल लाखों लोग अपनी जान गंवा रहे हैं.
NIH की रिपोर्ट की मानें तो, फेफड़ों के कैंसर के लिए सिगरेट पीना सबसे बड़ा कारण है. यह 10 में से 7 से अधिक मामलों के लिए जिम्मेदार है.
हाल ही में हुई एक स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है की कभी भी सिगरेट नहीं पीने वाले लोगों में भी फेफड़ों के कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.
फेफड़ों में कैंसर के लक्षण के कारणों में वायु प्रदूषण, वाहनों से निकलने वाला धुआं जिसमें हानिकारक सूक्ष्म कण मौजूद होते हैं, फेफड़ों के लिए बेहद नुकसानदायक है
फैक्ट्रियों और उद्योगों से निकलने वाला प्रदूषित धुआं भी हवा में मिलकर वातावरण को विषाक्त बना देता है. ये सूक्ष्म कण जब हम सांस के जरिए अंदर लेते हैं, तो ये फेफड़ों की सतह को नुकसान पहुंचाते हैं.
कुछ हानिकारक रसायन जैसे कि रेडॉन गैस और बेंजीन आधारित केमिकल्स भी फेफड़ों के कैंसर के जोखिम को बढ़ाते हैं.
ये रसायन हवा के जरिए हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं और खून के माध्यम से पूरे शरीर में फैल सकते हैं, जिससे अन्य प्रकार के कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है.
इस प्रकार, वायु प्रदूषण एक गंभीर और तेजी से बढ़ता हुआ खतरा बन चुका है, जो न केवल फेफड़ों के कैंसर बल्कि अन्य प्रकार के कैंसर के मामलों में भी वृद्धि कर रहा है.
लंग कैंसर के मरीजों की बढ़ती लिस्ट हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि साफ हवा और प्रदूषण रहित पर्यावरण की दिशा में ठोस कदम उठाना अब पहले से कहीं ज्यादा जरूरी है.