क्या एड्स होने का मतलब है मौत? क्यों इसको कहा जाता है लाइलाज बीमारी
हर साल 1 दिसंबर को विश्न एड्स दिवस मनाया जाता है.
आज भी लोगों में इस डिजीज को लेकर जानकारी का अभाव है.
सबसे ज्यादा कन्फ्यूजन तो यह है कि लोग एड्स और एचआईवी को एक ही मानते हैं, जबकि ऐसा नहीं है.
एड्स एचआईवी वायरस की अंतिम स्टेज है. एड्स होने के बाद व्यक्ति का इम्यून सिस्टम सही तरीके से काम नहीं कर पाता है.
कई मामलों में ये फेल हो जाता है और इससे व्यक्ति की मौत हो सकती है
लेकिन ऐसा नहीं है कि एचआईवी से संक्रमित हर व्यक्ति को एड्स की बीमारी हो जाए.
यहां तक की ये भी जरूरी नहीं है कि एचआईवी संक्रणम का मतलब मौत है.
इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में जाता है.
ब्लड ट्रांसफ्यूजन, असुरक्षित यौन संबंध इस वायरस के फैलने का बड़ा कारण है.