किडनी स्टोन एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जिससे बहुत से लोग पीड़ित हैं. किडनी की पथरी आसानी से बाहर नहीं आती है.
अगर इलाज के बाद भी पथरी की समस्या से छुटकारा नहीं मिल पा रहा तो आयुर्वेद आपके काम आ सकता है.
आयुर्वेद के अनुसार, पत्थरचट्टा एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर है, जो कि शरीर में कई प्रकार के दर्द को कम करने में मददगार औषधि है.
इसके अलावा पथरी की समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए पत्थरचट्टा का पत्ता का इस्तेमाल बेहद लाभकारी माना गया है.
पत्थरचट्टा के अलावा इसे एयर प्लांट, कैथेड्रल बेल्स, लाइफ प्लांट और मैजिक लीफ के नाम से जाना जाता है.
आयुर्वेद में इस पौधे को भष्मपथरी, पाषाणभेद और पणपुट्टी के नाम से जानते हैं, जबकि मेडिकल साइंस में bryophyllum pinnatum मानती हैं.
इस पौधे की पत्तियां स्वाद में खट्टी और नमकीन होती हैं, जो मुंह के स्वाद को भी बदल देती हैं.
पथरी की समस्या के लिए रोज सुबह खाली पेट पत्थरचट्टा के 4 से 5 पत्ते चबाने चाहिए. इसके अलावा पत्थरचट्टा का काढ़ा बनाकर भी इसका सेवन किया जा सकता है.
पत्थरचट्टा के पत्ते का सेवन करने से पथरी छोटे—छोटे टुकड़ों में बाथरूम के रास्ते बाहर निकलने लगती है.