शरीर की इन बीमारियों के लिए रामबाण है अमरूद
पत्तियों संग तोड़े गए ताजे अमरूद को खाने की इच्छा भला किसी नहीं होती.
जिनके दांत मजबूत वो कच्चा और जिनके दांत कमजोर वो पका अमरूद चाव से खाते हैं.
अब तो देश के अलग-अलग जगहों की मिट्टी में 30 से अधिक वैराइटी के अमरूद मिलते हैं.
ऊपर से हरा, लाल, अंदर से गुलाबी, गूदा ऐसा कि मुंह में जाते ही घुल जाए. इसकी मिठास और खुशबू से आप पहचान जाएंगे कि यहीं कही इलाहाबादी अमरूद है.
एक अमरूद का साइज 300 ग्राम से लेकर 1250 ग्राम तक. यह VNR-बिही वैराइटी है जिसे ‘जंबो अमरूद’ कहते हैं.
अमरुद को डाइजेशन के लिए बेहतरीन फल माना जाता है. लेकिन ज्यादा मात्रा में खाने पर पेट खराब हो सकता है.
अधिक उम्र के लोग जिनके दांत कमजोर होते हैं वो पका अमरुद खाना चाहते हैं. लेकिन ज्यादा पका हुआ अमरूद खाने से खून में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ सकती है.
खाली पेट अमरूद खाने से पेट में दर्द इसलिए होता है क्योंकि अमरूद के बीज खाली पेट में जाकर आसानी से नहीं पचते.
अमरूद में फोलेट की मात्रा अधिक होती है इसलिए इसे खाने से मुंह की बदबू दूर होती है, साथ ही मसूड़े भी स्वस्थ होते हैं.
अमरुद में कैंसर खत्म करने वाले गुण भी पाए गए हैं. अमरुद खाने से लंग, ब्रेन, ब्रेस्ट और दूसरे कैंसर का रिस्क कम होता है.