लॉकडाउन में पैदा हुए बच्चों की इम्युनिटी बेहतर? एक्सपर्ट ने बताई वजह
2020 वो साल रहा जब पूरी दुनिया एकदम से थम सी गई थी. कोविड के चलते लोगों को घरों में कैद रहना पड़ा था.
लॉकडाउन की खट्टी मीठी यादों में लाखों बच्चों ने जन्म लिया. लेकिन अब इन बच्चों से जुड़ी एक बेहद ही रोमांचित करने वाली खबर सामने आई है.
एक रिसर्च में ये कहा गया है कि जो बच्चे लॉकडाउन के दौरान पैदा हुए उनकी इम्युनिटी बाकी बच्चों के मुकाबले काफी अच्छी पाई गई है और वो बच्चे कम बीमार पड़ रहे हैं.
इस रिसर्च में लॉकडाउन में पैदा हुए बच्चों का इम्यून सिस्टम पहले जो पैदा हुए बच्चों से बेहतर है. ये जानकारी आयरलैंड यूनिवर्सिटी की हाल ही में की गई एक रिसर्च में सामने आई है.
रिसर्च में पता चला है कि लॉकडाउन में पैदा हुए बच्चों के पेट में जो माइक्रोबायोम है वह इससे पहले पैदा हुए बच्चों की तुलना में कम एलर्जी वाला है.
कोविड में पैदा हुए बच्चों में केवल 5 फीसदी एलर्जी संबंधी बीमारी पाई गई है. अन्य बच्चों में यह इससे ज्यादा है. लॉकडाउन के दौरान बच्चों की बेहतर इम्युनिटी के पीछे सबसे बड़ी वजह साफ वातावरण है.
इस दौरान पूरी दुनिया थम सी गई थी, प्रदूषण न के बराबर था, लोगों ने बाहर के खाने की बजाय घर का साफ-सुथरा खाना खाया.
प्रेगनेंट महिलाएं पूरे समय साफ-सुथरे वातावरण में रहीं. जिनसे मांओं के साथ साथ पर्यावरण ने भी बच्चों को नेचुरल एंटीबायोटिक गुण दिएं.
लॉकडाउन के दौरान पर्यावरण में प्रदूषण कम होने से बच्चों में संक्रमण का खतरा कम हो गया क्योंकि इस दौरान वो किसी भी तरह के बैक्टीरिया और किटाणुएओं के संपर्क में नहीं आ पाएं.
डॉक्टर का कहना है कि प्रेग्नेंट मां और बच्चों के लिए बेहद ही अहम समय होता है, इस दौरान मांए जैसा खाती है, जिस वातावरण में रहती हैं उसका सीधा सीधा असर बच्चे की सेहत पर देखने को मिलता है.
यही वजह हैं कि इस दौरान पैदा हुए बच्चों की इम्युनिटी बाकी बच्चों के मुकाबले अच्छी पाई गई है. यही कारण है कि लॉकडाउन में पैदा हुए बच्चे कम बीमार पड़ रहे हैं.