कल पूरे देश में रंगों और मिठाइयों के साथ होली की धूम मची हुई है, लेकिन देश के कुछ हिस्सों में ऐसे लोग भी हैं जिनके लिए यह त्योहार अब भी एक सपना बना हुआ है.
गांव के बुजुर्गों के अनुसार, तीन सौ साल पहले होली के दिन एक बड़ी घटना घटी थी. होली के दिन गांव के कुछ युवकों ने शरारत में होलिका दहन समय से पहले कर दिया.
जब बाबा रामस्नेही ने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो युवकों ने उनकी बात को मज़ाक में ले लिया. गुस्से में आकर बाबा ने जलती होली में छलांग लगा दी और श्राप दिया कि अब से इस गांव में होली नहीं मनाई जाएगी.
बाबा ने श्राप से मुक्ति का एक उपाय भी बताया था. उन्होंने कहा था कि अगर होली के दिन किसी गाय ने बछड़ा जन्मा या किसी परिवार में बेटा पैदा हुआ, तो यह श्राप समाप्त हो जाएगा