बिना शराब पिए भी लिवर हो रहा खराब, ये है बड़ी वजह

लिवर बॉडी से टॉक्सिन्स यानी विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का काम करता है, इसलिए फैटी लिवर की समस्या पर वक्त रहते ध्यान देना बेहद जरूरी होता नहीं तो ये काफी गंभीर स्थिति में पहुंच सकती है.

वहीं अक्सर यह सोचा जाता है कि फैटी लिवर की बीमारी सिर्फ उन लोगों को होती है जो शराब का सेवन करती हैं, हालांकि जो लोग शराब नहीं पीते हैं उन्हें भी फैटी लिवर की समस्या हो सकती है.

अगर बात करें एल्कोहॉलिक फैटी लिवर की तो इसमें ज्यादा अल्कोहल के सेवन से लिवर पर सूजन आ जाती है.

लिवर में थोड़ी मात्रा में फैट पहले से मौजूद होता है, लेकिन जब शरीर में कैलोरी की मात्रा बढ़ जाती है और यह फैट में तब्दील होकर लिवर की कोशिकाओं पर जमा होने लगता है तो यह स्थिति फैटी लिवर कहलाती है.

ट्राइग्लिसराइड एक तरह का फैट है जो ब्लड में मौजूद होता है और हमारा शरीर इस फैट का इस्तेमाल करके एनर्जी में तब्दील करता है, लेकिन इसकी अधिकता होने पर कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं.

शरीर के खून में ट्राइग्लिसराइड्स फैट बढ़ने से तो फैटी लिवर की प्रॉब्लम हो ही सकती है. इसके साथ ही ज्यादा वजन बढ़ना और डायबिटीज से पीड़ित लोगों में भी फैटी लिवर की समस्या देखी जाती है.

फैटी लिवर की समस्या होने पर अक्सर थकान महसूस होना, लिवर के हिस्से में त्वचा पर सूजन दिखाई देना, भारीपन महसूस होना, अक्सर उल्टी जैसा महसूस होना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.

संतुलित आहार लेने से लेकर शराब से दूरी बनाकर फैटी लिवर की समस्या से बचा जा सकता है. जिन लोगों को ये समस्या हो उन्हें तले भुने और जंक फूड के अलावा ज्यादा नमक और ज्यादा शुगर वाली चीजों से दूरी बनानी चाहिए.

इसके अलावा वजन को नियंत्रित रखें. इसके लिए रोजाना एक्सरसाइज या फिर हल्की-फुल्की एक्टिविटीज जैसे टहलना, साइकलिंग को अपनी डेली रूटीन में शामिल करें.