मानसून के महीने में बारिश और बाढ़ के पानी का जगह-जगह जमाव होने से डेंगू के मामले बढ़ने का खतरा बढ़ रहा है.

डेंगू वाले मच्छर ज्यादातर साफ-सुथरी जगह पर पाए जाते हैं. डेंगू टाइप-1, टाइप-2, टाइप-3, टाइप-4 के होते हैं. इसे आम भाषा में हड्डी तोड़ बुखार भी कहते हैं.

कई रिसर्च में यह बात सामने आ चुकी है कि डेंगू मरीज के लिए पपीता के पत्ते का जूस काफी ज्यादा फायदेमंद होता है. 

साथ ही यह भी कहा जाता कि इसमें औषधीय गुण होते हैं जो तेजी से गिर रहे प्लेटलेट्स को बढ़ा देता है. आइए जानें इसमें कितनी सच्चाई है?

इंटरनेशनल जर्नल ऑफ सर्जरी ग्लोबल हेल्थ में पब्लिश एक रिपोर्ट के मुताबिक पपीता या इसके पत्तों का जूस पीने से डेंगू के मरीजों को किसी भी तरह से लाभ नहीं पहुंचाता है. 

रिसर्च में यह भी पता चला है कि जो मरीज लिक्विड नहीं लेते हैं उन्हें हाइपोवोलेमिक शॉक विकसित होने का जोखिम होता है.

वहीं दूसरी तरफ National Library of Medicine की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पपीता में एल्कलॉइड, ग्लाइकोसाइड, टैनिन, सैपोनिन और फ्लेवोनोइड जैसे एक्टिव कंपाउंड होते हैं जो डेंगू के मरीज के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होते हैं.

इससे निकलने वाले जूस में 2 कंपाउंड जिसे टेरिआजोल और इमिडाजोल कहते हैं. जो शरीर में डेंगू के वायरस को फैलने से रोकते हैं. साथ ही डेंगू के मरीज के प्लटेलेट्स भी बढ़ने लगते हैं.

डॉक्टर का कहना है कि डेंगू के मरीज इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए रोगी को पपीते के पत्तों का जूस देने के बजाय ताजे फल,सब्जियों का सूप और नारियल पानी पीने की सलाह देना चाहिए.