पिछले कुछ सालों में भारत समेत पूरी दुनिया में हेल्थ और फिटनेस को लेकर जागरूकता बेहद तेजी से बढ़ी है. आजकल के दौर में हर कोई जिम जाना और फिट दिखना चाहता है. 

लेकिन कई बार लोग दूसरों की देखा-देखी फिट रहने के चक्कर में ही खुद को बीमार कर लेते हैं. इसी को लेकर एक चौका देने वाली रिपोर्ट सामने आई है. 

हाल ही में एक रिपोर्ट में सामने आई है, जिसमें बताया गया कि फिटनेस के प्रति लोगों का जुनून उन पर बेवजह का दवाब बना रहा है जिससे लोग बीमार हो रहे हैं.

सालाना ग्लोबल वेलबीइंग 2024 रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि फिट रहने का दबाव लोगों को बीमार कर रहा है. फिट रहने का दबाव लोगों में तनाव पैदा कर रहा है. 

इस मुद्दे पर किए गए सर्वे में 89% लोगों ने कहा कि इस दबाव के कारण उनके बीच अकेलेपन की समस्या भी बढ़ी है. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि, उन पर समाज की तरफ से खुद को बेहतर दिखाने की बहुत ज्यादा अपेक्षाएं हैं. 

इस दबाव के कारण लगभग आधे लोग अच्छा दिखने और स्वस्थ रहने के चक्कर में बीमार हो रहे हैं. वो वेलबीइंग बर्नआउट का शिकार हो रहे हैं. 

क्या है वेलबीइंग बर्नआउट वेलबीइंग बर्नआउट एक ऐसी स्थिति है जिसमें लंबे समय तक तनाव के कारण व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से बहुत ज्यादा थका हुआ महसूस करता है

इस तरह रहें फिट बताया गया है कि, जो आपको अच्छा लगे वो करें. अपनी स्पीड और स्टैमिना के मुताबिक वर्कआउट करें. पूरे दिन अपने शरीर को हिलाएं-डुलाएं, प्रकृति के बीच समय बिताएं, या सोशलाइज करने के लिए पार्क में टहलने जाएं. 

इसके अलावा जो लोग पूरे दिन अपने शरीर को थोड़ा भी हिलाते-डुलाते रहे है, उनका स्वास्थ्य 16% बेहतर देखा गया. अपनी फिटनेस जर्नी में अपने ही स्टैमिना वाले दूसरे लोगों को भी शामिल करें. 

रिपोर्ट में कहा गया कि इस स्थिति से बचने के लिए हमें माइंडफुलनेस पर ध्यान देना चाहिए. इस सर्वे में जिन लोगों ने सिर्फ मेडिटेशन किया, उनमें 12% ज्यादा बेहतर स्वास्थ्य दर्ज किया गया.