प्रत्येक रिश्ते से कुछ अपेक्षाएं, आकांक्षाएं और मर्यादाएं होती हैं. इनसे भी बढ़कर प्रत्येक व्यक्ति की, भले ही वह स्त्री हो या पुरुष कुछ मूलभूत आवश्यकताएं भी होतीं हैं.

पति-पत्नी का रिश्ता सुख और दुख का होता है. लेकिन अक्सर पति अपने जीवनसाथी को दुख के सिवा कुछ नहीं देते हैं. ऐसे स्थिति में अलग हो जाना बेहतर है.

जो सोच-विचार कर ना बोले ऐसी पत्नी के त्याग को सही माना गया है, जिसका अपनी वाणी पर वश न हो और जो बहुत कठोर शब्दों का प्रयोग करे.

बात को बिना समझे गुस्सा करे गुस्सा आना इंसान की प्रकृति है लेकिन जब कोई इससे ग्रसित होता है, तो वह अपने आसपास के लोगों के जीवन को भी कष्टदायक बना देता है.

घर का माहौल खराब रखे घर में अशांति करने वाली पत्नी के साथ जीवन कभी भी सुखदायी नहीं बन पाता है. उसके इस गुण का परिणाम पूरी पीढ़ी को उठाना पड़ सकता है.

नशा और जुआ खेलने वाले पति को छोड़ दें बार-बार मना करने पर भी अगर पति नशा और जुआ खेलना नहीं छोड़ रहा. तो उसे तुरंत छोड़ देना चाहिए. क्योंकि वो एक वक्त घर और आपको भी दांव पर लगा सकता है.

किसी के साथ अफेयर रखने वाला पति अगर आपका पति किसी के साथ अफेयर कर रहा है. उसके साथ हमबिस्तर हो रहा हो. ऐसी स्थिति में भी पत्नी को पति का त्याग कर देना चाहिए. वो विश्वास के काबिल नहीं हो सकता है.

मारपीट करने वाला पति अगर आपका पति क्रोध में आप पर हाथ उठाता है. जब तब आपको अपने गुस्से का शिकार बनाता हो. बिस्तर पर करता हो जबरदस्ती. तो सहने की बजाय उसे सजा दिलाएं.

अच्छी पत्नी की पहचान क्या है? एक आदर्श रिश्ता वह है जब आप अपनी कोई भी जरूरत अपने साथी की सहमति से ही पूरी करते हों. जब आप अपने स्वार्थ से पहले अपने साथी की इच्छाओं को महत्व देते हो.