ये 5 फूल है बड़े गुणवान, नख से शिखा तक का रखते हैं खास ख्याल, जानें नाम
आयुर्वेद में फूलों का विशेष स्थान माना जाता है. कई ऐसे फूल हैं, जो न केवल प्राकृतिक सौंदर्य को बढ़ाते हैं, बल्कि औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं और संपूर्ण स्वास्थ्य का ख्याल रखते हैं.
इनमें शंखपुष्पी, कचनार, गुड़हल, पलाश और केवड़ा अहम हैं. चरक संहिता और सुश्रुत संहिता में भी इन फूलों के औषधीय गुणों का उल्लेख मिलता है.
शंखपुष्पी को आयुर्वेद में विशेष स्थान प्राप्त है. यह मुख्य रूप से मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत करने और स्मरण शक्ति बढ़ाने में सहायक होती है.
इसका उपयोग प्राचीन काल से मस्तिष्क को शांत करने, तनाव दूर करने और अनिद्रा की समस्या को ठीक करने के लिए किया जाता रहा है.
अब बात उस फूल की जिसे वसंत का संदेशवाहक कहा जाता है. नाम है कचनार!
अपनी खूबसूरत कली और छाल के कारण विशेष रूप से जाना जाता है. यह पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में सहायक होता है.
गुड़हल जिसे हिबिस्कस कहते हैं में आयरन की मात्रा भरपूर होती है. विटामिन सी, कैल्शियम और एंटीऑक्सीडेंट भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं.
पलाश का फूल अपनी चमकदार लाल रंगत के कारण ‘जंगल की ज्वाला’ के रूप में जाना जाता है, के औषधीय गुण भी किसी से कम नहीं हैं. पेट की कीड़ों को समाप्त करने में इसका कोई सानी नहीं है.
केवड़े का फूल भगवान भोले नाथ पर भी अर्पित किया जाता है. अपनी सुगंध के लिए पहचाना जाता है, लेकिन इसके औषधीय गुण भी कम नहीं हैं.