महिलाओं को सबसे ज्यादा दिक्कत करता है थायरायड, जानें वजह और लक्षण
थायरायड तितली के आकार की गर्दन के पास एक ग्लैंड है जिसमें से थायराइड हार्मोन निकलता है. इस हार्मोन का ज्यादा भी बनना भी खराब है और कम भी बनना घातक है. थायरॉयड हार्मोन कम हो तो शरीर में कई तरह के फंक्शन स्लो हो जाते हैं.
थायराइड हार्मोन में गड़बड़ियों के कारण ज्वाइंट पेन, ड्राई स्किन, बालों में पतलापन, अनियमित पीरियड्स, फर्टिलिटी की समस्या, हार्ट रेट का धीमा हो जाना, डिप्रेशन जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है.
सबसे पहले थायराइड डिसॉर्डर के कारण यौवनारंभ में जल्दी या देरी हो सकता है. इससे पीरियड या तो देर से शुरू होते या बहुत जल्दी शुरू हो जाते हैं.
वहीं थायराइड के कारण पीरियड अनियमित और हैवी ब्लीडिंग भी हो सकती है या पीरियड रूक भी सकता है.
स्किन डिसऑर्डर- थायराइड में हार्मोन का लेवल बढ़ने के कारण स्किन डिसऑर्डर की समस्या हो सकती है. महिलाओं में पिंपल की समस्या कारण थायराइड का बढ़ता स्तर हो सकता है.
अर्ली मोनोपॉज- अर्ली मेनोपॉज वो स्थिति है जिसमें महिला 45 से 50 की उम्र में आने से पहले ही मेनोपॉज की स्थिति में पहुंच जाती हैं. इसके कारण प्रेगनेंसी में परेशानी होती है
इनफर्टिलिटी- जिन महिलाओं में पहले से इनफर्टिलिटी की समस्या होती है उन्हें थायराइड की बीमारी हो सकती है. अंडरएक्टिव या ओवरएक्टिव थायराइड फर्टिलिटी के प्रोसेस को महिलाओं के शरीर में प्रभावित कर सकता है.
अनियमित पीरियड्स- अगर आपको थायराइड की समस्या है तो अनियमित पीरियड्स हो सकते हैं. ऐसा भी हो सकता है कि फ्लो बहुत तेज या धीमा हो.
ये बीमारी थायराइड ग्लैंड को अपना शिकार बनाती है डिलीवरी के 4 से 12 महीने के बीच से समस्या हो सकती है जिसके बाद थायराइड हार्मोन ब्लड में मिल जाता है.
थायराइड के लक्षण आपको परेशान कर सकते हैं जैसे अनिद्रा की समस्या, चिड़चिड़ापन, तनाव होना, भूख बढ़ना आदि. ये जरूरी नहीं है कि हर महिला को ये समस्या हो पर थायराइड ग्लैंड के चलते ये समस्या हो सकती है.