आपने अब तक कई सिंड्रोम के बारे में सुना या पढ़ा होगा, लेकिन क्या कभी आपने Eldest Daughter Syndrome के बारे में सुना है. 

अक्सर हम देखते हैं कि घर की बड़ी बेटी मां की तरह जिम्मेदारियां निभाती है, ये सिंड्रोम इसी से मिलता जुलता है. आइए जानते हैं इसके बारे में

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, जब परिवार की सबसे बड़ी बेटी कम उम्र से ही ज़िम्मेदारियां खुद उठाने लगती है तो उसे एल्डेस्ट डॉटर सिंड्रोम कहते हैं. 

इसमें बेटी के अंदर मज़बूत लीडरशिप की खासियत और सफलता के लिए दृढ़ संकल्प आ जाता है. हालांकि, इसमें खुद की देखभाल की कमी और छोटी उम्र से स्ट्रेस होने लगता है. 

ये स्थिति बचपन से ही उत्पन्न हो जाती है, जो लंबे समय तक हमारे साथ रहती है. इसका प्रभाव हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है. इसके चलते डिप्रेशन और एंग्जायटी की समस्या हो सकती है. 

जानें इसके लक्षण इस सिंड्रोम से ग्रस्त लड़कियां अपनी लाइफ के बड़े फैसले खुद नहीं कर पाती हैं. साथ ही, हर चीज में अपने पेरेंट्स से इजाजत जरूर लेती हैं. कई लोगों के लिए अपनी लाइफ पर कंट्रोल रखना भी मुश्किल होता है.

एल्डर डॉटर सिंड्रोम से ग्रस्त लड़कियों के ज्यादा सपने नहीं होते हैं. इन्हें लगता है कि अपनों के लिए जीना ही इनकी जिंदगी है. ऐसे में ये कई बार दूसरों की भावनाओं और फैसलों को ज्यादा मान्यताएं देती हैं. 

इससे कैसे डील करें रोज थोड़ा खुद के लिए समय निकालने की कोशिश करें. इससे आपको खुद को समझने में मदद मिलेगी.

अपने पसंदीदा कार्यों में ध्यान लगाएं, इससे आपको मेंटली रिलैक्स होने में मदद मिलेगी.

अपने काम और पर्सनल लाइफ के बीच बाउंड्री जरूर बनाएं. इससे आपको दोनों लाइफ को बैलेंस करने में मदद मिलेगी.

अगर आपके लिए अपने इमोशंस पर कंट्रोल करना मुश्किल होता है, तो किसी साइकोलॉजिस्ट से संपर्क करें.