हार्ट अटैक और हार्ट फेल में क्या अन्तर है, और कैसे होता है हार्ट फेलियर का इलाज?
अचानक मौत को लोग अक्सर हार्ट अटैक समझ लेते हैं जो काफी हद तक सही होता है क्योंकि ज्यादातर लोगों की मौत हार्ट अटैक के कारण ही होती है. इसलिए सबसे पहले ये जान लेते हैं कि हार्ट अटैक क्या है?
ये एक अचानक होने वाली घटना है जिसमें दिल तक खून का सप्लाई करने वाली धमनियों में से कोई एक बंद हो जाती है या ब्लॉक हो जाती है.
इस स्थिति में ज़रूरत के हिसाब से ब्लड और ऑक्सीजन ना मिल पाने के कारण दिल की मांसपेशियां धीरे-धीरे मरने लग जाती हैं और काम करना बंद कर देती हैं.
आपको बता दें कि हार्ट फेलियर के कारण भी लोगों की मौत होती है. ये हार्ट अटैक से काफी अलग है. हार्ट फेलियर की स्थिति अचानक नहीं आती है.
हार्ट फेलियर में दिल की मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं और शरीर को चलाने के लिए पर्याप्त मात्रा में ब्लड पंप नहीं कर पाती हैं तो ये स्थिति हार्ट फेलियर की होती है.
हार्ट अटैक की स्थिति काफी गंभीर होती है. हल्के लक्षण महसूस होने पर ही तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए.
इलाज के लिए, ब्लड क्लॉट को रोकने के लिए ब्लड थीनर का इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा मरीज की स्थिति को देखते हुए ही इलाज के तरीकों का चयन किया जाता है.
हार्ट अटैक आने पर पीड़ित व्यक्ति को काफी क्षति पहुंचती है इस स्थिति में स्टैन्ट या एंजियोप्लास्टी की मदद से मरीज की ब्लॉक धमनियों को खोला जाता है.
जिन लोगों को हार्ट अटैक से कम नुकसान पहुंचाता है उन्हे कुछ दवाइयों की मदद से भी ठीक करने की कोशिश की जाती है.