साउथ कोरिया में लोग टिप लेने से क्यों करते इनकार करते हैं? खास है वजह

दुनिया के कई देशों में होटलों, शोरूम में या व्यापारिक प्रतिष्ठानों में टिप देने का ट्रेंड है, लेकिन एक देश ऐसा भी है, जहां के वर्कर्स टिप लेने से साफ इनकार कर देते हैं.

अगर कोई ग्राहक टिप देना भी चाहे तो उसे भी साफ-साफ शब्दों में मना कर दिया जाता है और इसके पीछे कोई एक नहीं, कई वजह हैं.

बात हो रही है साउथ कोरिया की, जहां टिप लेने देने का ट्रेंड नहीं, क्योंकि यहां के लोग कहते हैं कि उन्हें काफी सैलरी मिलती है. इस सैलरी से वे संतुष्ट हैं.

टिप लेना और देना अपमानजनक लगता है. इसलिए वे टिप लेना-देना पसंद नहीं करते टिप लेने से लोगों को यह भ्रम हो जाता है कि कम सैलरी मिलती है तो टिप देनी चाहिए.

यूरोप में कई कैफे और रेस्टोंरट में काम करने वाले वर्कर्स अतिरिक्त आय के लिए टिप पर ही निर्भर करते हैं, लेकिन साउथ कोरिया के लोगों की विचारधार इससे काफी अलग है.

साउथ कोरिया में सियोल बैगेल में एक दुकानदार का वीडियो वायरल हुआ. ग्राहक ने उसे कैश काउंटर पर टिप जार रखने को कहा.

दुकानदार ने कहा कि टिप की जरूरत नहीं है. हमारे देश में कोई टिप नहीं लेता है. ग्राहक के जवाब में दुकानदार ने टिप के प्रति नकारात्मक रवैया दिखाया.

वहीं दूसरी ओर एक कंपनी ने काकाओ टी टैक्सी हेलिंग ऐप ने यात्रियों से अनुरोध किया कि वे उनके ड्राइवर को 1,000 वॉन और 2,000 वॉन के बीच टिप दें, अगर उन्हें कंपनी की टैक्सी सर्विस पसंद आए.

कंपनी के कई ड्राइवरों ने भी इस फैसले पर आपत्ति जताई. उनका कहना था कि हम अपने वेतन से संतुष्ट हैं, लेकिन कंपनी ने फैसले के पीछे तर्क दिया कि टिप देना ग्राहक पर निर्भर करेगा.