Kim Jong Un के नेतृत्व में उत्तर कोरिया सख्त और अक्सर असामान्य कानून लागू करता है, यहां तक कि ये कानून लोगों के पहनावे और फैशन तक को नियंत्रित करते हैं.

किम जोंग का प्रशासन अक्सर लोकप्रिय अंतरराष्ट्रीय फैशन और कॉस्मेटिक ब्रांडों पर प्रतिबंध लगाता है और पालन न करने वालों को गंभीर दंड दिया जाता है.

इस कड़ी में उत्तर कोरिया ने अब लाल लिपस्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया है. लाल रंग का साम्यवाद (Communism) के साथ ऐतिहासिक संबंध होने के बावजूद उत्तर कोरिया ने लाल लिपस्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया है.

ऐसा इसलिए क्योंकि नेतृत्व इसे कम्युनिस्ट विचारों के रूप में न देखकर पूंजीवाद के प्रतीक के तौर पर देखता है. दरअसल, उत्तर कोरिया में ज्यादा मेकअप पसंद नहीं किया जाता है और इसे पश्चिमी प्रभाव के संकेत के रूप में देखा जाता है.

शासन को चिंता है कि लाल लिपस्टिक लगाने वाली महिलाएं अत्यधिक आकर्षक लग सकती हैं, जो चीजों को सरल और संयमित रखने के सरकार के रुख के खिलाफ हो सकता है.

लाल लिपस्टिक के अलावा हाल के वर्षों में शासन ने कई अन्य वस्तुओं और स्टाइल पर बैन लगा दिया है, जो कथित तौर पर पूंजीवादी विचारधारा से जुड़ी हैं, जिनमें पतली या नीली जींस, बॉडी पियर्सिंग और महिलाओं के लिए कुछ हेयर स्टाइल शामिल हैं.

देश में पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए सरकार द्वारा मंजूर की गई हेयर स्टाइल रखने की ही अनुमति है. हालांकि, कुछ प्रतिबंध वैचारिक से अधिक व्यक्तिगत नजर आते हैं.

रिपोर्टों से पता चलता है कि कुछ फैशन स्टाइल, जैसे कि काले ट्रेंच कोट या किम जोंग उन के स्वेप्ट-बैक हेयरस्टाइल को सिर्फ इसलिए प्रतिबंधित किया गया है, क्योंकि सर्वोच्च नेता नहीं चाहते कि लोग उनकी नकल करें.

लोग इन नियमों का पालन करें, यह सुनिश्चित करने के लिए उनके पास ‘Gyuchaldae’ या फैशन पुलिस है, जो इस बात पर कड़ी नजर रखती है कि हर कोई कैसा दिखता है.

जो लोग इन नियमों को तोड़ने की कोशिश करते हैं, उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं. उन्हें दंडित किया जा सकता है, जुर्माना लगाया जा सकता है, उनके कपड़े काटे जा सकते हैं, ताकि वे उन्हें दोबारा न पहनें.