आपको मालूम है नागा साधु अपने पास हथियार क्यों रखते हैं ? जानें इसके पीछे की वजह
2025 के महाकुंभ मेले का आगाज 13 जनवरी से शुरू हो चुका है और इसका समापन 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि के दिन होगा.
परंतु महाकुंभ में सबसे खास होता है शाही स्नान, जिस पर दुनियाभर के लोगों की आंखें टिकी होती हैं. शाही स्नान के साथ-साथ इस मेले का मुख्य आकर्षण नागा साधु होते हैं.
आपने गौर किया होगा की नागा साधु अपने हाथों में कभी डमरू बजाते हुए तो कभी भाले और तलवारें लहराते हुए युद्ध कला का अद्भुत प्रदर्शन करते हैं.
नागा साधु साधना और त्याग के साथ-साथ अस्त्र-शस्त्र भी धारण करते हैं. ऐसे में यह सवाल उठता है कि तपस्वी जीवन जीने वाले नागा साधु अस्त्र क्यों रखते हैं?
नागा साधु त्रिशूल, तलवार और भाले जैसे अस्त्र रखते हैं. त्रिशूल भगवान शिव की शक्ति का प्रतीक है. जबकि तलवार और भाला वीरता और साहस का प्रतीक हैं.
यह अस्त्र उन साधुओं के शौर्य और बलिदान का प्रतीक होते हैं जो धर्म और समाज की रक्षा में जुटे रहते हैं.
नागा साधु इन अस्त्रों को केवल आत्मरक्षा के रूप में रखते हैं ताकि अगर कभी जरूरत पड़े तो वे अपनी रक्षा कर सके.
नागा साधु अपने अस्त्रों का इस्तेमाल केवल आत्मरक्षा और धर्म की रक्षा के लिए करते हैं. वे इसे किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं.