जानिए कितना भारी होता है ओलंपिक्स में पुरुषों और महिलाओं का जैवलिन?
प्राचीन काल से ही शिकार और युद्ध के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला भाला या भाला फेंक मानव सभ्यता जितना ही पुराना है.
समय के साथ धीरे-धीरे भाला फेंकने (जैवलिन थ्रो) की यह कला ट्रैक और फील्ड खेल के रूप में विकसित हुई जिसे हम आज जानते हैं.
जैवलिन थ्रो (भाला फेंक) प्राचीन ओलंपिक में पेंटाथलॉन का हिस्सा था और 1908 से आधुनिक ग्रीष्मकालीन खेलों में एक स्वतंत्र प्रतियोगिता रही है.
हालांकि, 1932 तक केवल पुरुष ही इस स्पर्धा में भाग लेते थें. महिलाओं की जैवलिन थ्रो प्रतियोगिता की शुरुआत 1932 के लॉस एंजिल्स ओलंपिक में हुई थी.
तब से, पुरुषों और महिलाओं की जैवलिन थ्रो स्पर्धाएँ ओलंपिक्स खेलों का अभिन्न अंग बन गयी हैं.
वरिष्ठ पुरुष प्रतियोगिताओं में उपयोग किए जाने वाले भाले का वजन कम से कम 800 ग्राम और लम्बाई 2.6 से 2.7 मीटर के बीच होना चाहिए.
वहीं, महिलाओं की स्पर्धा में जैवलिन का वजन कम से कम 600 ग्राम होता है और इसकी लम्बाई 2.2 से 2.3 मीटर के बीच होती है.