Paris Olympic में पांच अगस्त को भारत के अविनाश साबले ने इतिहास रच दिया.
अविनाश साबले 3000 मीटर स्टीपलचेज़ यानी बाधादौड़ के फ़ाइनल में पहुंच गए हैं. अविनाश ऐसा करने वाले पहले भारतीय पुरुष हैं.
अविनाश साबले का जन्म 13 सितम्बर 1994 को महाराष्ट्र के बीड जिले में एक छोटे से गांव मंडवा में हुआ.
वैशाली और मुकुंद साबले के गरीब परिवार में जन्मे अविनाश का जीवन संघर्षपूर्ण रहा है.
उनके माता-पिता ईंट भट्ठों पर मजदूरी करते थें, लेकिन उन्होंने हमेशा से अपने बच्चों की शिक्षा को सर्वोपरि रखा.
तीन भाई-बहनों में सबसे बड़े अविनाश पाँच से छह साल की आयु में ही अपने माता-पिता की मुश्किलों को समझ गए थे.
परिवार की ऐसी स्थिति देखकर अविनाश के मन में अपने माता-पिता के संघर्ष में हाथ बँटाने की इच्छा बचपन से ही थी.
इसलिए परिवार को आर्थिक रूप से सहयोग करने के लिए अविनाश ने भारतीय सेना में शामिल होने का फैसला किया.
सेना में बिताये चार सालों में, अविनाश ने कई जगहों पर ड्यूटी करते हुए कठिन प्रशिक्षण हासिल किया. लेकिन नियति ने अविनाश को एक बार फिर से रेसिंग के ट्रैक पर ला दिया.