ऐसे में प्राण-प्रतिष्ठा के बाद उनसे कई तरह के सवाल हो रहे हैं. उनसे उनका अनुभव पूछा जा रहा है. योगीराज ने कई अविश्वसनीय बात बताई है.
भारत औरउन्होंने कहा है कि नवनिर्मित राम मंदिर के गर्भगृह में जो मूर्ति लगाई गई है, वह उन्होंने नहीं बनाई. इंग्लैंड के बीच 5 मैचों की टेस्ट सीरीज का आगाज हो चुका है.
उन्होंने कहा, “जब मैंने मूर्ति बनाई तब वो अलग थी. गर्भगृह में जाने के बाद और प्राण-प्रतिष्ठा के बाद वो अलग हो गई. उसके हाव-भाव बदल चुके थे.
उन्होंने बताया जिस रामलला को सात महीने तक गढ़ा, उसे प्राण-प्रतिष्ठा के बाद मैं खुद नहीं पहचान पाया.
गर्भगृह में जाते ही बहुत बदलाव हो गया. मूर्ति की आभा ही कुछ और हो गई. इस बदलाव के बारे में साथ मौजूद लोगों से चर्चा की. यह ईश्वरीय चत्मकार या कुछ और
योगीराज ये बातें एक टीवी चैनल के इंटरव्यू ने कहीं. उन्होंने कहा कि ये हमारे पूर्वजों की सालों की तपस्या का ही नतीजा है कि हमें काम के लिए चुना गया है.
उन्होंने बताया कि रामलला की मूर्ति बनने में करीब सात महीने का समय लगा. इस दौरान वह दुनिया से कट गए और बच्चों के साथ समय बिताया.
योगीराज ने एक दिलचस्प किस्सा भी शेयर किया कि कैसे रोज बंदर उनके घर आकर मूर्ति के दर्शन करते और मूर्ति का काम देखते और लौट जाते.
उन्होंने कहा कि हम जब मूर्ति बनाने के दौरान हर रोज एक बंदर शाम में 4 से 5 बजे के बीच उस जगह आता था, वो सब देखकर चला जाता था.