किसने रखा था भगवान का नाम श्री राम, क्या है उनका वंश?

22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही पूरा देश एक बार फिर से दिवाली मनाने जा रहा है.

इस शुभ अवसर पर आइए जानते हैं भगवान श्रीराम से जुड़ी हुई कुछ रोचक बातें.

भगवान श्रीराम को पूर्ण अवतार नहीं माना जाता है, क्योंकि भगवान श्री राम 14 कलाओं के ज्ञाता थे. वहीं भगवान श्रीकृष्ण 16 कलाओं के ज्ञाता थे.

ऐसा इस कारण था क्योंकि रावण को वरदान था कि उसकी मृत्यु किसी मनुष्य के द्वारा ही होगी. इसलिए श्रीराम को सिर्फ 14 कलाओं का ज्ञान था ताकि वे रावण का वध कर सकें.

भगवान राम को भगवान विष्णु का सातवां अवतार माना जाता है.

भगवान राम ने सूर्य पुत्र राजा इक्ष्वाकु वंश में जन्म लिया था. इसलिए भगवान राम को सूर्यवंशी भी कहा जाता है.

भगवान राम को “राम” नाम रघुकुल के गुरु महर्षि वशिष्ठ ने दिया था.

मायावी रावण को हराने के लिए भगवान राम को देवराज इंद्र ने एक रथ दिया था. इसी रथ पर बैठकर भगवान राम ने रावण का वध किया था.

लंका पर चढ़ाई करने से पहले भगवान राम ने रामेश्वरम में शिवलिंग बनाया था जहां उन्होंने उस शिवलिंग की पूजा अर्चना की थी. 

आज रामेश्वरम का ये शिवलिंग भारत के प्रमुख तीर्थों में गिना जाता है. माना जाता है गिलहरी के शरीर पर मिलने वाली तीन धारियां प्रभु श्रीराम के ही कारण हैं.