मेरी ही तरह आप सभी के मन में भी शायद एक सवाल आ रहा होगा कि आखिर प्राण-प्रतिष्ठा के लिए 22 तारीख का चुनाव ही क्यों किया गया है. आइए जानते है इसके बारे में-
दरअसल अगर हम ज्योतिष की मानें तो प्रभु श्री राम का जन्म अभिजीत मुहूर्त में हुआ था और यदि इस विशेष मुहूर्त में ही मूर्ति को स्थापित किया जाएगा तो प्रभु सदैव मूर्ति के भीतर विराजमान रहेंगे.
अगर हम इसके शुभ समय की बात करें तो 22 जनवरी को दोपहर 11 बजकर 36 मिनट से लेकर 12 बजकर 24 मिनट तक कुल 48 मिनट का शुभ अभिजीत मुहूर्त प्राप्त हो रहा है.