ना भूकंप कुछ बिगाड़ पाएगी, ना बाढ़, अयोध्या में खास तकनीक से बन रहा भव्य राम मंदिर
अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा.
अयोध्या नगरी में इस कार्यक्रम की तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही हैं.
राम मंदिर की सबसे खास विशेषता यह है कि इसमें लोहे का बिल्कुल इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है.
मंदिर बनाने के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है.
राम मंदिर में 14 मीटर मोटी रोलर कंपैक्टेड कंक्रीट से आर्टिफिशियल चट्टानें बनाई गई है.
निर्माण कंपनियों का कहना है कि इस तकनीक के चलते भूकंप का मंदिर पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
राम मंदिर को सिस्मिक-4 जोन के मुताबिक डिजाइन किया गया है.
मंदिर पर ढाई हजार सालों तक कोई आंच नहीं आएगी, चाहे कितने ही भूकंप के झटके क्यों न हो.
राम मंदिर भूकंप रोधी प्राचीन पद्धति के अनुसार बनाया जा रहा है.