सनातन धर्म की सप्‍तपुरियों में से एक अयोध्‍या नगरी में त्रेता युग में भगवान ने लिया था श्रीरामावतार, जानें पूजा मुहूर्त 

देश-दुनिया के हिंदु अनुयायी 17 अप्रैल को राम नवमी मनाएंगे...इस दिन अयोध्या में रामजन्मभूमि पर भव्य उत्सव का आयोजन होगा

सनातन धर्मग्रंथों के अनुसार, भगवान विष्णु ने त्रेतायुग में पृथ्वी पर मनुष्‍यावतार लिया था..जो लाखों वर्षों से 'श्रीराम' के नाम से पूजनीय हैं

वाल्मीकि रामायण के मुताबिक, त्रेतायुग के अंतिम चरण में अभिजीत मुहूर्त में श्रीराम अयोध्या नगरी में अवतरित हुए थे

पुजारियों का कहना है कि अयोध्या में रामनवमी के दिन दोपहर 12 बजे रामलला का सूर्य तिलक होगा, यह वो समय होगा जब श्रीराम का जन्म हुआ था

श्रीराम के जन्मदिन पर पूजा और व्रत करने की परंपरा है, पूजा के लिए करीब ढाई घंटे का एक ही मुहूर्त है, जो सुबह 11:05 बजे से दोपहर 1:35 बजे तक रहेगा

अयोध्या में रामजन्मभूमि मंदिर के पुजारी ने कहा— रामनवमी पर दोपहर 12 बजे जब रामलला का सूर्य तिलक होगा..तो उनकी प्रतिमा का दृश्य अद्भुत होगा

रामनवमी को दोपहर के समय केदार, गजकेसरी, पारिजात, अमला, शुभ, वाशि, सरल, काहल और रवियोग बनेंगे..इन 9 शुभ योग में रामलला का सूर्य तिलक होगा

वाल्मीकि रामायण में उल्लेख है कि श्रीराम के जन्म के समय सूर्य और शुक्र अपनी उच्च राशि में थे, चंद्रमा खुद की राशि में मौजूद थे, इस साल भी ऐसा ही हो रहा है

वाराणसी के प्रो. रामनारायण द्विवेदी और पुरी के डॉ. गणेश मिश्र के मुताबिक सितारों का ये संयोग देश के लिए शुभ संकेत है