राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले क्यों हो रहे कश्मीर की इस महिला के चर्चे
जम्मू-कश्मीर के उर में रहने वाली बतूल जहरा एक बार फिर से चर्चा में हैं. वह इस बार इंटरमीडिएट में अच्छे मार्क्स लाकर चर्चा में आ गए थीं.
वह उरी सीमा के पास रहती हैं और पहाड़ी जनजाति से ताल्लुक रखती हैं. अब उन्होंने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पहाड़ी बोली में ही भजन गया है.
उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करती भी नजर आ रही हैं.
जहरा कहती हैं, हमारे प्रधानमंत्री ने 11 दिनों का व्रत रखा है. प्रधानमंत्री ने यह संकल्प राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए किया है.
प्रधानमंत्री ने यह संकल्प राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए किया है. आज पूरा मुल्क राम गीत गुनगुना रहा है. इसमें हमारा जम्मू-कश्मीर भी पीछे नहीं है.
इसके बाद जहरा पहाड़ी बोली में भजन गाते हैं. इसमें वह कहती हैं कि सीता जी के साथ श्री राम पधारेंगे. वह दिन आ गया है. सभी स्वागत में ढोल बजाइए.
श्री राम के साथ भक्त हनुमान भी पधार रहे हैं.
बता दें कि बतूल जहरा ने ट्रांसपोर्टेशन और ट्यूशन सहित कई मूलभूत सुविधाओं के अभाव में भी 12वीं की परीक्षा में अच्छा स्कोर किया था.
बतूल आईएएस अधिकारी बनना चाहती हैं. वह बारामूला की डिप्टी कमिश्नर रहीं डॉ. सैयद सहरीश अशगर को अपना रोल मॉडल मानती हैं.