ISRO के मिशन के तहत आदित्य-L1 को पृथ्वी से अंतरिक्ष में 15 लाख किलोमीटर दूर जाना है, वहां से वह सूर्य की स्टडी करेगा.
ISRO ने बताया, 'आदित्य-L1 ने वैज्ञानिक डेटा इकट्ठा करना शुरू कर दिया है. STEPS उपकरण के सेंसरों ने सुप्रा-थर्मल और एनर्जेटिक आयनों और इलेक्ट्रॉनों को मापना शुरू कर दिया है.
ISRO ने बताया है कि आदित्य-L1 अब पृथ्वी से 50,000 किमी से भी अधिक की दूरी पर पहुंच चुका है, और वहां से उसके उपकरण ने वैज्ञानिक डेटा जुटाना शुरू कर दिया है.
आदित्य-L1 द्वारा भेजा गया डेटा वैज्ञानिकों को पृथ्वी के आसपास के कणों के व्यवहार का विश्लेषण करने में मदद करेगा
आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट (ASPEX) पेलोड के एक उपकरण STEPS ने डेटा भेजा है, STEPS में 6 सेंसर हैं जो अलग-अलग दिशाओं में स्टडी करते हैं
इस अंतरिक्ष यान को सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के लाग्रेंज बिंदु 1 (एल1) के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में रखा जाएगा, जो पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किमी दूर है