Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 के सामने अब मुश्किल दौर की चुनौती, अगले 12 दिन बेहद अहम

चंद्रयान-3 इस समय चांद की कक्षा में चक्कर लगा रहा है लेकिन अगले 12 दिन अहम साबित होने वाले हैं

चंद्रमा की कक्षा में दाखिल हो चुका चंद्रयान 14 अगस्त को चांद की सतह से अपनी दूरी को और घटाएगा

इस समय चन्द्रयान-3 चंद्रमा की कक्षा में 174 x 1437 किमी के दायरे में है

9 अगस्त को चंद्रमा की सतह से चन्द्रयान-3 की अधिकतम दूरी को 4313 किमी से घटाकर 1437 किमी किया गया था

अगले 6 दिनों में यानि 17 अगस्त तक इसे 100 किमी x 100 किमी की कक्षा में स्थापित किया जाना है

17 अगस्त को चन्द्रयान की 100 किमी x 100 किमी कक्षा में ले जाने से पहले एक बड़ी चुनौती होगी

इसी कक्षा में ISRO के चन्द्रयान2 का ऑर्बिटर भी मौजूद है. इसके अलावा चन्द्रयान-1 और जापान का OUNA अब बेकार हो चुके हैं लेकिन चन्द्रमा की कक्षा में मौजूद हैं

धरती से 3.70 लाख किमी से अधिक की दूरी पर अंतरिक्ष यान के बीच टकराव टालने के लिए मार्ग निर्धारण और परिवर्तन बेहद जटिल प्रक्रिया है

ISRO के  सामने अपनी गणनाओं को दुरुस्त रख निगरानी रखे की जिम्मेदार के साथ साथ दूसरी अंतरिक्ष एजेंसियों के साथ भी तालमेल रखने की जिम्मेदारी है

2019 में छोड़े गए चन्द्रयान2 के ऑर्बिटर को अब तक 3 बार टकराव टालने के लिए रास्ता बदलने के मनूवर करने पड़े हैं

चन्द्रयान3 को सफर में रूस के LUNA-25 से भी सावधान रखना होगा जो 16 अगस्त को चंद्रमा की 100km x 100km की कक्षा में पहुंचेगा

चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर 21-23 अगस्त तक पहुंचने की उम्मीद है. जबकि चन्द्रयान-3 को 23-24 अगस्त के बीच सॉफ्ट लैंडिंग करना है