Chandrayaan-3 लैंडिंग में चुनौतियां कई, मगर होगी मोटी कमाई, जानें खास बातें
Chandrayaan-3 चांद की सतह पर उतरने से कुछ कदम दूर है.
लैंडिंग के लिए लैंडर विक्रम की स्पीड को कम किया जाएगा ताकि वह चांद की सतह पर आसानी से उतर सके.
23 अगस्त शाम 5.47 बजे चंद्रयान-3 का लैंडर चांद की सतह पर उतरेगा.
इस अभियान में चंद्रयान-3 के मुख्यतछ तीन काम हैं- सुरक्षित सॉफ्ट लैंडिंग, रोवर उतारना और चंद्रमा की सतह की जांच.
चांद पर लैंडिंग के लिए सही समय और सही स्पीड जरूरी है, साथ ही कंपन की गति को भी कंट्रोल करना होता है.
इसके अलावा गुरुत्वाकर्षण और चांद के क्रेटर एवं रेजोलिथ एक चुनौती है.
हर देश सफलतापूर्वक चांद पर नहीं उतर सकता. ऐसे में मिलने वाली जानकारी भारत से करोड़ों डॉलर में खरीदी जाएगी.
अनुमान के मुताबिक साल 2030 में 40 और 2040 तक चांद पर 1000 एस्ट्रोनॉट रह रहे होंगे.
ऐसे में ये जानकारी जुटाना काफी अहम होगा ताकि इसके लिए बेस बनाया जा सके.
चंद्रयान 3 द्वारा जुटाई गई जानकारी करोड़ों डॉलर कमाने के काम आएगी.