Chandrayaan-3 Landing: ये हैं लैंडिंग में 3 सबसे बड़ी चुनौतियां

चंद्रयान-3 का लैंडर आज शाम 5 बजकर 45 मिनट पर चांद की ओर बढ़ना शुरू करेगा और शाम 6 बजकर 4 मिनट पर इसरो उसकी सॉफ्ट लैंडिंग कराएगा

चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग सफल रही तो रोवर प्रज्ञान उससे बाहर आएगा और चांद पर चहलकदमी कर पानी और वहां के वातावरण के बारे में जानकारी देगा

इसरो का दावा है कि सुरक्षित लैंडिंग के पुख्ता इंतजाम हैं. इसरो की उम्मीदें अपनी जगह हैं, लेकिन चंद्रयान-3 से करीब एक महीने बाद निकला रूस का लूना-25 चांद पर क्रैश कर गया 

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लूना-25 के लॉन्च पर इसरो ने रूस को बधाई भी दी थी. वहीं भारत का चंद्रयान 3 अगला इम्तिहान देने वाला है

भले ही रेस में अब सिर्फ भारत रह गया है, लेकिन चांद के दक्षिणी ध्रुव पर किसी भी देश को अब तक सॉफ्ट लैंडिंग में कामयाबी नहीं मिली है 

लिहाजा भारत के लैंडिंग  के लिए भी ये 3 सबसे बड़ी चुनौतियां हैं

पहली चुनौती है लैंडर की रफ्तार को नियंत्रित रखना. पिछली बार अधिक रफ्तार की वजह से लैंडर क्रैश कर गया था

इसके अलावा लैंडर चंद्रयान-3 के लिए दूसरी चुनौती यह है कि लैंडर उतरते समय सीधा रहे

वहीं लैंडर के लिए तीसरी चुनौती है कि उसे उसी जगह पर उतारना, जो इसरो ने चुन रखी है. पिछली बार ऊबड़-खाबड़ जगह से टकराने की वजह से चंद्रयान-2 क्रैश कर गया था