Chandrayaan-3 Landing: लैंडिंग के लिए ‘23’ तारीख ही क्यों? ये है 5 वजह

23 अगस्त शाम 6 बजकर 4 मिनट, ये वो टाइम तय किया गया है कि जब चांद की सतह पर चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम की सॉफ्ट

जाहिर-सी बात है हर किसी की धड़कनें बढ़ी हुई हैं, क्योंकि चंद्रयान-2 की क्रैश लैंडिंग हुई थी

लेकिन इस दफा तैयारी इतनी तगड़ी है और इसरो के वैज्ञानिकों का दावा है कि चंद्रयान-3 की लैंडिंग तो होकर ही रहेगी

तो चलिए अब जानते है कि आखिर क्या है चंद्रयान-3 की लैडिंग की ये 5 वजह

चंद्रयान-3 का लैंडर और रोवर चांद की सतह पर उतरने के बाद अपने मिशन का अंजाम देने के लिए सौर्य ऊर्जा का इस्तेमाल करेगा

चांद पर 14 दिन तक दिन और अगले 14 दिन तक रात रहती है, अगर चंद्रयान ऐसे वक्त में चांद पर उतरेगा जब वहां रात हो तो वह काम नहीं कर पाएगा

इसरो सभी चीजों की गणना करने के बाद इस नतीजे पर पहुंचा है कि 23 अगस्त से चांद के दक्षिणी ध्रुव सूरज की रौशनी उपलब्‍ध रहेगी

वहां रात्रि के 14 दिन की अवधि 22 अगस्त को समाप्त हो रही है

23 अगस्त से 5 सितंबर के बीच दक्षिणी ध्रुव पर धूप निकलेगी, जिसकी मदद से चंद्रयान का रोवर चार्ज हो सकेगा और अपने मिशन को अंजाम देगा.