जब तक सूरज-चांद रहेगा, Chandrayaan-3 चंद्रमा पर रहेगा ISRO ने क्यों कहा ऐसा?

दुनिया में पहली बार, भारतीय स्पेस एजेंसी ISRO ने अगस्त 2023 में चांद के साउथ पोल पर Chandrayaan-3 का विक्रम लैंडर उतारा

चांद पर विक्रम लैंडर और उसमें से निकले रोवर प्रज्ञान ने 15 दिनों तक मून की स्टडी की, उसके बाद रात होने पर उन्हें स्लीड मोड में डाल दिया गया

चांद पर पृथ्वी के 15 दिनों जितनी लंबी रात होती है..इसलिए  विक्रम लैंडर और रोवर प्रज्ञान को ISRO ने बंद कर दिया था

पिछले दिनों चांद पर दिन निकला तो ISRO ने फिर से विक्रम लैंडर और रोवर प्रज्ञान से संपर्क करने की कोशिश की

हालांकि, अब तक विक्रम लैंडर और रोवर प्रज्ञान से संपर्क नहीं हो सका है. वैज्ञानिकों ने माना है कि अब इसकी संभावना नहीं बची.

ISRO चीफ डॉ. एस. सोमनाथ ने कहा है कि चांद की स्टडी के लिए भेजे गए हमारे Chandrayaan-3 मिशन पूरा हो चुका है. लैंडर और रोवर को जो काम दिया गया था, वो भी हो चुका है

सोमनाथ ने कहा— चांद पर यह भारत का एक शानदार और सफल मिशन रहा. अगर लैंडर-रोवर अब नींद से नहीं जगते, तो हमें उसका दुख नहीं है. क्योंकि वो अपना काम पूरा करके सोए हैं.

चांद पर अगर रोवर और लैंडर के सर्किट डैमेज नहीं हुए होंगे, तो प्रज्ञान और विक्रम जाग सकते हैं, यानी फिर एक्टिव हो सकते हैं.

वैसे जब तक सूरज और चांद रहेंगे, तब तक चंद्रयान-3 चंद्रमा पर मौजूद रहेगा. इसरो चीफ ने कहा— प्रज्ञान-विक्रम नहीं जगते तो भी अब कोई दिक्कत नहीं है.