Chandrayaan-3: जब भारत ने चंद्रमा पर जानबूझकर गिराया था अपना स्पेसक्राफ्ट
पूरा भारत देश अपने मून मिशन चंद्रयान-3 की सफल लॉन्चिंग की आस में बैठा हुआ है चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग से हर किसी को उम्मीद है
ये मिशन भारत के लिए काफी अहम है क्योंकि इससे पूर्व दो मिशन फेल हो गए थे जो कि भारत के लिए एक बड़ा झटका था
लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसरो ने साल 2019 के चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग से पहले एक और चंद्रयान भेजा था, जिसे जानबूझकर नष्ट कर दिया गया था
दरअसल, इससे पहले नवंबर, 2008 को इसरो ने जानबूझकर चंद्रमा पर एक अंतरिक्ष यान को नष्ट कर दिया था
इसरो को भले ही अपने यान को जानबूझकर नष्ट करना पड़ा था. लेकिन भारत के चंद्रयान मिशन के जरिए चांद की सतह पर पानी पाया गया और फिर भारत का भी नाम लिस्ट में शामिल हो गया
अंतरिक्ष यान के अंदर 32 किलोग्राम का एक जांच छिपा हुआ था, जिसका एकमात्र उद्देश्य यान को दुर्घटनाग्रस्त करना था
चंद्रमा की सतह की ओर बढ़ते हुए, जूते के डिब्बे के आकार का जांच उपकरण सिर्फ धातु का एक टुकड़ा नहीं था, बल्कि तीन उपकरणों को ले जाने के लिए एक जटिल रूप से डिजाइन था
चंद्रयान से निकलने के लगभग 25 मिनट बाद, मून इम्पैक्ट प्रोब को अपने भाग्य का सामना करना पड़ा