क्या आप जानते हैं दुनिया के सबसे बड़े प्राइम नंबर में हैं कितने अंक? यहां जानें
पूर्व एनवीडिया (Nvidia) प्रोग्रामर, 36 वर्षीय ल्यूक डुरेंट (Luke Durant) ने दुनिया का सबसे बड़ा प्राइम नंबर खोजने में एक साल और काफी धन खर्च किया.
इस संख्या का नाम ‘M136279841’ रखा गया है, और इसमें 41,024,320 अंक हैं. यह छह वर्षों में पहला बड़ा प्राइम नंबर है.
कैलिफोर्निया के सैन जोस (San Jose) में रहने वाले डुरेंट ने इसे मर्सेन प्राइम (Mersenne prime) के रूप में पहचाना.
इसका अध्ययन 350 साल पहले फ्रांसीसी संत मारिन मर्सेन (Marin Mersenne) ने किया था. मर्सेन प्राइम को '2ᵖ-1' के रूप में लिखा जाता है.
डुरेंट की इस खोज की घोषणा 21 अक्टूबर को ‘ग्रेट इंटरनेट मर्सेन प्राइम सर्च’ (GIMPS) ने की.
GIMPS एक नागरिक विज्ञान परियोजना है, जिसमें दुनियाभर के लोग अपने कंप्यूटर का उपयोग करके बड़े प्राइम नंबर खोजते हैं.
इस प्रोजेक्ट के लिए डुरेंट ने क्लाउड कंप्यूटिंग और सुपरकंप्यूटर तकनीक का उपयोग किया.
उन्होंने इस काम के लिए GIMPS के सॉफ्टवेयर को सीखा और वैश्विक सिस्टम का उपयोग कर एक तेज कंप्यूटर प्रणाली बनाई.
डुरेंट ने यह खोज अपने बड़े कंप्यूटर सिस्टम विकसित करने और भौतिकी के नियमों की सीमाओं को समझने की रुचि से प्रेरित होकर की.
उनकी सोच थी कि वह इस खोज के जरिए "ब्रह्मांड के ज्ञात दायरे को थोड़े से ही सही, लेकिन और आगे बढ़ा सकें."
बड़े प्राइम नंबर, हालांकि इंटरनेट सुरक्षा में बहुत उपयोग नहीं होते, लेकिन ये इतिहास में कंप्यूटर की प्रगति को दर्शाते हैं.