क्या आप जानते हैं? आखिर 30 करोड़ साल तक बर्फ के नीचे क्यों दबी रही धरती
तकरीबन 4 अरब साल पहले धरती का अधिकांश हिस्सा पानी में डूबा हुआ था. हालांकि, गर्मी बहुत ज्यादा थी और ऑक्सीजन के बजाय हर तरफ मीथेन गैस भरी हुई थी.
करीब 2 अरब साल तक धरती ऐसी ही रही. इस दौरान पृथ्वी पर पहला जीव स्ट्रोमेटोलाइट्स नामक बैक्टीरिया आया. जिसे सांस लेने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत नहीं थी.
करीब 2.4 अरब साल पहले पृथ्वी पर फिर से वातावरण बदलने लगा. उस वक्त सूर्य की रोशनी आज के मुकाबले काफी कम थी. धरती पर ठंढ़ बढ़ने लगी
महासागर जमने लगे और पर्वतों से लेकर घाटियां और मैदान तक हर तरफ सिर्फ बर्फ ही बर्फ नजर आने लगा.
यह धरती का पहला और लंबा हिमयुग था. जिसे हुरोनियम हिमयुग के नाम से जाना जाता है.
30 करोड़ साल तक पूरी धरती सफेद बर्फ के गोले में तब्दील रही. इस दौरान वातावरण से मीथेन गैस खत्म होने लगी. परिणामस्वरूप, ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ने लगी.
बर्फ से आच्छादित इस धरती पर अमूमन सभी एककोशिकीय जीव खत्म हो गए. वे ऑक्सीजन सहन नहीं कर पाए.
पुराने जीवों को खत्म होने के बाद नए जीव विकसित हुए, जिन्हें सांस लेने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती थी.
हुरोनियम के बाद धरती पर और चार हिमयुग आए. जिनमें क्रायोजेनियम, एंडियन-सहारा, लेट पैलियोजोइक और क्वाटर्नेरी के नाम शामिल हैं.
आखिरी हिमयुग करीब 20,000 साल पहले अपने चरम पर था जो 12,000 साल पहले खत्म हुआ.
इन्हीं हिमयुगों की वजह से आज भी भारत का उत्तरी हिस्सा, अंटार्कटिका और ग्रीनलैंड बर्फ के मोटे-मोटे परतों के ढंके हुए हैं.