क्‍या आप जानते हैं कि अंतरिक्ष में इंसानों से पहले भेजा गया था कुत्‍ता, जानें वो 1957 में कैसे बना दुनिया का पहला अंतरिक्ष यात्री

आज 3 नवंबर है. अंतरिक्ष विज्ञान और अनुसंधान के लिहाज से आज का दिन काफी मायने रखता है. ये वो दिन है, जब पहली बार किसी प्राणी को पृथ्वी से अंतरिक्ष में भेजा गया था. 

आपको जानकार हैरानी होगी कि पृथ्वी से अंतरिक्ष में जाने वाला पहला जीव कोई इंसान नहीं, बल्कि एक कुत्ता था, जिसे वर्ष 1957 में सोवियत यूनियन ने पृथ्वी की परिक्रमा करवाई थी. 

यहां हम आपको बताने जा रहे हैं, उस कुत्‍ते को अंतरिक्ष में भेजने की कहानी. आगे की स्‍लाइड्स में जानें स्पेस में उसके साथ क्या कुछ हुआ- 

3 नवंबर 1957 को अंतरिक्ष युग की शुरुआत करने के एक महीने से भी कम समय बाद, सोवियत यूनियन (वर्तमान में रूस) ने स्पुतनिक 2 के लॉन्च के साथ अगला बड़ा कदम उठाया. 

स्पुतनिक 2 के जरिए, सोवियत यूनियन ने सैटेलाइट के साथ अंतरिक्ष में पृथ्वी से जीवित जीव को भेजने का फैसला किया था

रशियन वैज्ञानिकों ने स्पुतनिक 2 में एक कुत्ते को बैठाकर स्पेस में भेजा, जो कि पृथ्वी से स्पेस में जाने वाला यह पहला जीवित जीव था. 

उस कुत्ते का नाम लाइका था, वो पृथ्वी की परिक्रमा करने वाला पहला जानवर था. 

इतिहासकार बताते हैं कि जब कुत्ते को ऊपर जाते देखा, तो मानवयुक्त अंतरिक्ष यान केंद्र के निदेशक रॉबर्ट गिलरूथ ने तब कहा था- 'हे भगवान, हमें आगे बढ़ना चाहिए क्योंकि यह मनुष्य को अंतरिक्ष में भेजने का एक वैध कार्यक्रम होने जा रहा है.

वो रॉकेट यान, जिसमें कुत्‍ते को भेजा गया था, उस स्पुतनिक 2 का वजन 508 ​​किलोग्राम था, जो उसके पूर्ववर्ती सैटेलाइट से काफी अधिक था.

पृथ्वी की कक्षा में पहुंचने के बाद स्पुतनिक 2 अपने बूस्टर रॉकेट से जुड़ा रहा. हालांकि, तब उस समय तक रॉकेट साइंस उतना विकसित नहीं हो पाया था, कि कुत्‍ते को वापस धरती पर लाया जा सके. 

उस दौर में ये बड़ी घटना थी, कि किसी ने कुत्‍ते को पृथ्वी की परिक्रमा करवा दी. इस घटना ने अमेरिका को अपने स्‍पेस प्रोग्राम को सुसज्जित करने के लिए प्रेरित करना शुरू कर दिया.

कहा जाता है कि कुत्‍ते को लेकर स्पुतनिक 2 में पहुंचा था तो 10 नवंबर 1957 में को बैटरियां समाप्त हो गईं, और विज्ञान प्रयोगों से पृथ्वी पर डेटा मिलना बंद हो गया.

अंतरक्षि में पहुंचने के कुछ ही घंटों बाद कुत्‍ते 'लाइका' की मौत हो गई थी. उसके दूसरे जानवरों को पृथ्वी की ऊपरी कक्षा में भेजने में सोवियत यूनियन लगभग 3 साल लग गए.