नकलची पौधे...मरी हुई तैराक मछली और गुदा से सांस लेने वाले जीव — इन खोजों के लिए वैज्ञानिकों को दिए गए 2024 के इग्नोबेल पुरस्कार

दुनियाभर में हर साल कई लेखकों, साहित्यकारों और वैज्ञानिकों को नोबेल पुरस्कार मिलता है. इसी प्रकार सालभर की मजाकिया खोजों के लिए इग्नोबेल पुरस्कार दिए जाते हैं.

इस साल इग्नोबेल पुरस्कारों की 10 कैटेगरीज में विजेताओं का ऐलान किया गया, ये पुरस्कार असली नोबेल विजेताओं ने वितरित किए

मिसाइलों को दिशा देने के लिए कबूतरों का इस्तेमाल, मरी हुई मछलियां की तैरने की क्षमता और कुछ जीवों के गुदा से सांस लेने का तरीका — इन खोजों के लिए 2024 के इग्नोबेल पुरस्कार दिए गए

Ig Nobel prize एक ऐसी खोज के लिए भी दिया गया — जिसमें खोजकर्ता ने ये बताया था कि कुछ जीव गुदा से भी सांस लेते हैं

अपनी गुदा से सांस लेने में सक्षम जीव की खोज (study on Anal Breathing) करने वाले वैज्ञानिक के मुताबिक, कुछ स्तनधारी अपनी गुदा से सांस लेने में सक्षम होते हैं.

नकलची पौधे की खोज के लिए भी इस साल इग्नोबेल पुरस्कार दिया गया. पुरस्कार विजेताओं में वैज्ञानिकों का एक समूह था, जिसने यह दिखाया कि चिली की एक बेल पास के कृत्रिम पौधों की आकृतियों की नकल करती है. 

अमेरिका की फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी के बायलॉजी के प्रो. जेम्स लिआओ ने मरी हुई ट्राउट मछली की तैराकी क्षमताओं पर की स्टडी के लिए फिजिक्स का इग्नोबेल प्राइज जीता. 

प्रो. लिआओ ने एक मछली को दिखाते हुए कहा, "मैंने पाया है कि मरी हुई ट्राउट मछली भी जीवित मछलियों जैसे ही चलती है." उनके प्रदर्शन को देखने के बाद उन्हें 'मरी हुई तैराक मछली' के लिए इग्नोबेल पुरस्कार दिया गया.