दुनिया के सबसे बड़े देश रूस का Luna-25 स्पेसक्राफ्ट आज यानी 16 अगस्त को चांद की 100 Km की कक्षा में पहुंचेगा
Luna-25 चंद्रमा की ग्रैविटी में कैप्चर हो सके, इसके लिए इंजन कुछ देर के लिए फायर किए जाएंगे
बता दें कि Luna-25 में केवल लैंडर है जो एक साल तक काम करेगा, जबकि भारत के Chandrayaan-3 में लैंडर और रोवर दोनों हैं
Luna-25 को रूस की स्पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस ने 11 अगस्त को सोयूज 2.1बी रॉकेट के जरिए अमूर ओब्लास्ट के वोस्तोनी कॉस्मोड्रोम से लॉन्च किया था
वोस्तोनी कॉस्मोड्रोम मॉस्को से करीब 5,550 KM पूर्व में है, Luna-25 स्पेसक्राफ्ट 21 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा
रूस ने 47 साल बाद चांद पर अपना मिशन भेजा है, इससे पहले उसने 1976 में Luna-24 मिशन भेजा था
Luna-24 चांद की करीब 170 ग्राम धूल लेकर सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस पहुंचा था
अभी तक जितने भी मून मिशन हुए हैं वो चांद के इक्वेटर पर पहुंचे हैं, यह पहली बार होगा कि कोई मिशन चांद के साउथ पोल पर लैंडिंग करेगा
21 अगस्त को लूना 25 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा, यह वहां पानी की खोज करेगा