हिमालय के ग्लेशियर में मिलें 41,000 साल पुराने प्राचीन वायरस, जानें क्या वे इंसानों के लिए हानिकारक हैं?

वैज्ञानिकों की एक टीम ने हिमालय में दबे हुए प्राचीन वायरसों की खोज की हैं, जिनमें से कुछ 41,000 साल पुराने हैं.

चीन और अमेरिका के 60 रिसर्चर्स वाली इस टीम ने उत्तर-पश्चिमी तिब्बती पठार पर गुलिया ग्लेशियर से बर्फ के टुकड़े एकत्र किए. 

इन बर्फ के नमूनों से 1,700 से ज्यादा ऐसे वायरस जीनोम का पता चला, वे सभी प्रोकैरियोट्स के वायरस से हैं. 

ऐसे वायरस, बैक्टीरिया और आर्किया को संक्रमित करते हैं. मनुष्यों, जानवरों या पौधों को इनसे संक्रमण का कोई खतरा नहीं हैं. 

लेकिन ये प्राचीन माइक्रोब्स किसी समय में स्थानीय पर्यावरण के लिए बेहद अहम थे.

समुद्र तल से 6,000 मीटर से अधिक ऊंचाई पर स्थित ग्लेशियर ने विभिन्न युगों से इन वायरस को संरक्षित रखा है. 

नेचर जियोसाइंस में प्रकाशित अध्ययन से पता चला है कि वायरस नौ अलग-अलग प्राचीन काल से आते हैं. 

एक विशेष मशीन का उपयोग करके, वैज्ञानिकों ने बर्फ में 300 मीटर से अधिक गहराई तक 10 सेमी चौड़ा कोर ड्रिल किया, जिससे ऐतिहासिक जानकारी का एक बड़ा हिस्सा सामने आया. 

इन वायरसों के बारे में जानकारी 26 अगस्त को Nature Geoscience जर्नल में छपी स्टडी में दी गई है. 

यह स्टडी अमेरिका की ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में पैलियोक्लाइमेटोलॉजिस्ट और ग्लेशि-योलॉजिस्ट लोनी थॉम्पसन के नेतृत्व में चली थी.